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इस साल नवविवाहित और कन्याएं क्यों नहीं रख सकती हैं छठ का व्रत, जानें धार्मिक कारण

Chhath Puja 2023: इस साल छठ पूजा नवविवाहित महिलाएं नहीं कर सकती हैं। ऐसा क्यों आइए इस खबर में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Nov 20, 2023 19:00
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chhath pooja
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Chhath Puja 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और समापन कार्तिक मास के सप्तमी तिथि को हो जाता है। छठ पर्व चार दिवसीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म में छठ ही एक मात्र व्रत है, जिसमें 36 घंटे उपवास होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ का पर्व कड़ी तपस्या और नियमों का पालन करते हुए व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि जो जातक छठ का व्रत नियमों के साथ करता है उसकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही सूर्य देव का आशीर्वाद भी मिलता है।

इस साल कुछ धार्मिक मान्यताओं की वजह से कुंवारी कन्याएं और नवविवाहित महिलाएं यानी जिस महिला की नई-नई शादी हुई है वह इस साल पहला छठ का व्रत नहीं रख सकती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे आखिर क्यों ये महिलाएं और कुंवारी कन्याएं व्रत नहीं कर सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं।

नई-नवेली महिलाएं छठ का व्रत क्यों न करें?

किसी भी महिला के लिए छठ का व्रत बेहद ही खास होता है। खासतौर पर नवविवाहित महिलाओं के लिए और अधिक महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में इस साल जो लड़की की नई शादी हुई है, वह छठ का व्रत नहीं रख सकती है, न ही पूजा में भाग ले सकती है। क्योंकि इस साल मलमास के कारण व्रत रखना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि जिस साल मलमास लग जाता है, उस साल नई नवेली दुल्हन को छठ का व्रत नहीं करना चाहिए। अगर चाहे तो घर की पूजा में हाथ बंटा सकती है। मान्यता है छठी मईया की सच्चे दिल से पूजा करके अपने रिश्तों को और मजबूत बनाने की मनोकामना मांग सकते हैं।

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कुंवारी कन्याएं न करें छठ का व्रत

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए नहीं होता है यानी यह व्रत पूरी तरह से वर्जित होता है। क्योंकि छठ का व्रत सुहागन और विधवा महिला ही कर सकती है। दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंवारी अवस्था में ही कुंती ने सूर्य देव की उपासना की थी, जिसके कारण वे मां बन गईं। उसी समय के बाद छठ का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए वर्जित किया गया है। अगर कुंवारी कन्याएं चाहे तो अपने घर के माता-बहनों की मदद सकती है। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Nov 17, 2023 04:31 PM

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