इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग का सबसे बड़ा नुकसान गाजा में रहने वाले लोगों का हुआ है, जिनके लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, गाजा संकट के बीच ट्रंप प्रशासन की नई रणनीति लीबिया में फिलिस्तीनियों के पुनर्वास की है। 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी के तानाशाही शासन का अंत हुआ, जिसके बाद देश अराजकता में डूब गया। गद्दाफी की हत्या के बाद लीबिया दो हिस्सों पश्चिम और पूर्वी लीबिया में बंट गया।
दोनों हिस्सों में 2 प्रतिद्वंद्वी मिलिशिया समूहों का शासन कायम हो गया। आज भी देश 2 समानांतर प्रशासनों में बंटा हुआ है। त्रिपोली में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एकता सरकार (GNU) है। पूर्वी लीबिया में सक्रिय प्रतिनिधि सभा समर्थित राष्ट्रीय स्थिरता सरकार (GNS) का राज है। GNSका नेतृत्व खलीफा हफ्तार की लीबियन नेशनल आर्मी के प्रभाव में ओसामा हम्माद कर रहे हैं। इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।
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लीबिया को दिए जाएंगे अरबों डॉलर
NBC न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा पट्टी से 10 लाख फिलिस्तीनियों को स्थायी रूप से लीबिया में पुनर्वासित करने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और लीबिया के नेताओं के बीच इस विषय पर बातचीत भी चल रही है। 2 सूत्रों और एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा गया कि इस योजना को लेकर गहन चर्चा चल रही है। पुनर्वास योजना के बदले अमेरिका लीबिया को अरबों डॉलर की वह राशि जारी कर सकता है, जिसे एक दशक से अधिक समय पहले रोक दिया गया था।
हालांकि इस योजना को लेकर अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है, लेकिन रिपोर्ट यह भी बताती है कि इजरायल को इस योजना की जानकारी दी गई है। वहीं अमेरिकी सरकार ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। NBC न्यूज की रिपोर्ट पूरी तरह झूठी है। ट्रंप प्रशासन इस तरह की कोई योजना नहीं बना रहा है।
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इजरायल का गाजा पर हवाई हमला
इधर गाजा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इजरायली सेना ने शुक्रवार को गाजा में हवाई हमले किए, जिसमें स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार 108 लोगों की मौत हुई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान हमास पर बंधकों की रिहाई का दबाव बनाने के लिए शुरू किया गया है।
इजरायल ने यमन की 2 बंदरगाहों पर भी हमले किए, जिन्हें हूती विद्रोहियों द्वारा हथियारों की तस्करी के लिए उपयोग में लाया जा रहा था। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यमन में हमलों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई और 9 अन्य घायल हुए हैं। हमास के गाजा प्रमुख ने कहा है कि उनका संगठन बंधकों के बदले इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनियों की एक तय संख्या की रिहाई के लिए तत्काल बातचीत करने को तैयार है, लेकिन उन्होंने अस्थायी युद्धविराम की शर्त को अस्वीकार कर दिया है।
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