Fitness Expert Jailed In Saudi Arabia : सउदी अरब की एक फिटनेस एक्सपर्ट को 11 साल के लिए जेल की सजा सुनाए जाने की खबरें सामने आई हैं। इस महिला का नाम मनाहिल अल-ओतैबी है। मानवाधिकार संगठन एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने उनकी रिहाई की मांग उठाते हुए कहा है कि मनाहिल को यह सजा उनके कपड़ों को लेकर सुनाई गई है। हालांकि, सउदी अरब का कहना है कि उसे आतंकी अपराधों के लिए जेल भेजा गया है।
एम्नेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार मनाहिल को सउदी की काउंटर टेररिज्म कोर्ट के सामने 9 जनवरी 2024 को हुई सीक्रेट सुनवाई में सजा सुनाई गई थी। लेकिन इसकी जानकारी कई सप्ताह बाद सामने आई। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों ने जानकारी के लिए एक जॉइंट कम्युनिकेशन के जरिए सउदी अरब से अनुरोध किया था जिसके औपचारिक जवाब में मनाहिल को जेल भेजे जाने की पुष्टि हुई।
Human rights groups advocate for the release of Manahel al-Otaibi, 29, a prominent #womensrights activist and fitness influencer. She was recently sentenced to 11 years in prison on charges of ‘terrorist offenses’. Seems like #SaudiArabia hasn’t changed that much at all? pic.twitter.com/JLgFBGDbEn
— Abida Hadi (@OnjoAlaaAbida) May 3, 2024
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मनाहिल के खिलाफ क्या आरोप?
इसे लेकर एम्नेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि मनाहिल अल-ओतौबी के खिलाफ जो आरोप हैं उनमें कपड़ों को लेकर उनकी पसंद, ‘अभद्र कपड़े’ कर अपने वीडियो शेयर करना और बिना अबाया पहने शॉपिंग करने जाना भी शामिल हैं। इसके अलावा मनाहिल के उन विचारों पर भी आरोप लगाया गया है जो उन्होंने ऑनलाइन शेयर किए कि उनमें सउदी की पुरुष प्रधान व्यवस्था के खिलाफ बात की गई है।
बता दें कि अबाया एक तरह का बुरका होता है, लेकिन नकाब इसका हिस्सा नहीं होता। यह एक काला कपड़ा होता है जो गले के नीचे से पूरे शरीर को कवर करता है। सउदी अरब में ऐसा नियम नहीं है कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अबाया पहनना अनिवार्य हो। हालांकि, सांस्कृतिक रूप से महिलाओं को अबाया पहनने के लिए प्रोत्साहित जरूर किया जाता है।
Saudi Arabia’s authorities must immediately and unconditionally release Manahel al-Otaibi, a 29-year-old fitness instructor and women’s rights activist, sentenced to 11 years in prison. This directly contradicts the authorities’ narrative of reform and women’s empowerment. pic.twitter.com/sFYaxya9IP
— Amnesty MENA (@AmnestyMENA) May 3, 2024
बहन पर भी लगे हैं ऐसे ही आरोप
बता दें कि मनाहिल की बहन फॉजिया अल-ओतैबी भी इसी तरह के आरोपों का सामना कर रही हैं। एम्नेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार फॉजिया को साल 2022 में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। लेकिन गिरफ्तारी के डर से उन्होंने देश ही छोड़ दिया था। उल्लेखनीय है कि एम्नेस्टी इंटरनेशनल ने यह भी कहा है कि मनाहिल के परिवार को उनके अदालती दस्तावेजों या फिर उनके खिलाफ पेश किए गए सबूतों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
मनाहिल क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के रिफॉर्म के वादे में यकीन रखती हैं। एम्नेस्टी के अनुसार साल 2019 में एक इंटरव्यू के दौरान मनाहिल ने कहा था कि इन रिफॉर्म्स ने मुझे यह महसूस कराया है कि मैं अपने विचार व्यक्त कर सकती हूं और जो पहनना चाहूं वो पहन सकती हूं। लेकिन इसके बाद भी 16 नवंबर 2022 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। कहा जा रहा है कि इसके बाद उन्हें शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न भी किया गया।
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