Pehla Surya Grahan 2026 mein kab: साल 2026 में फरवरी में लगने वाले अनोखे सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse) को पृथ्वी पर बहुत कम लोग देख पाएंगे. भारत में यह सूर्यग्रहण नजर नहीं आएगा. यह सूर्यग्रहण इसलिए खास है, क्योंकि सूर्य ग्रहण के समय आसमान से गायब हो जाएगा और उसकी जगह रिंग ऑफ फायर दिखाई देगा. यानि 17 फरवरी 2026 को अंटार्कटिका के आकाश में सूर्य एक चमकदार वलय (रिंग) के रूप में दिखाई देगा. करीब अढ़ाई मिनट तक सूर्य के केंद्र का 96% हिस्सा चंद्रमा ढक देगा, जिससे देखने वालों को सूर्य एक ‘रिंग ऑफ फायर’ के रूप में दिखेगा.
On February 17, 2026, the world will witness an annular solar eclipse — the stunning “ring of fire” phenomenon that happens when the Moon moves in front of the Sun but doesn’t fully cover it, leaving a glowing ring of light around its edges.
Credit: JAXA/NASA pic.twitter.com/vq6cU9INhh---विज्ञापन---— HOT 97 (@HOT97) November 4, 2025
कौन-कौन देख पाएगा ये अनोखा सूर्यग्रहण
केवल अंटार्कटिका में तैनात कुछ ही शोधकर्ता या दुर्लभ समुद्री यात्राओं पर सवार लोग ही इसे प्रत्यक्ष रूप से देख पाएंगे. वलयाकार ग्रहण 11:46 UTC से शुरू होकर 2 मिनट और 1 सेकंड तक चलेगा. दूसरा स्थान, रूस का मिर्नी स्टेशन, 12:07 UTC पर इस घटना का अनुभव करेगा, जो 1 मिनट और 52 सेकंड तक चलेगा. पृथ्वी पर बहुत कम लोग फरवरी 2026 में होने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण का नजारा देख पाएंगे. विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रहण के वलयाकार क्षेत्र में केवल दो ही आबादी वाले स्थान आते हैं, जिससे यह खगोलीय घटना इस दशक की सबसे कम देखी जाने वाली घटनाओं में से एक बन जाती है.
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अधिकतर देशों में दिखेगा आंशिक सूर्य ग्रहण
अधिकतर देशों में 17 फरवरी को आंशिक सूर्य ग्रहण दिखेगा. दक्षिणी अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और दक्षिणी हिंद महासागर में रहने वाले पर्यवेक्षकों को सूर्य का आंशिक ग्रहण देखने को मिलेगा. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से थोड़ा दूर होगा, जिससे वह सूर्य से छोटा दिखाई देगा. सूर्य को पूरी तरह से ढकने के बजाय, यह सौर डिस्क के लगभग 96 प्रतिशत हिस्से को ढक लेगा, जिससे हमारा निकटतम तारा थोड़े समय के लिए एक छल्ले में बदल जाएगा
सूर्य के छल्ले का अद्भुत नजारा देखने लायक
अंटार्कटिका की भीषण गर्मी में भी तापमान बेहद ठंडा रहता है और आसमान साफ रहने की कोई गारंटी नहीं होती. फिर भी, सफेद बर्फ से ढके रेगिस्तान के बीच चमकते सूर्य के छल्ले का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. आग का यह दूरस्थ छल्ला शायद भारी भीड़ को आकर्षित न करे, लेकिन इसकी दुर्लभता और सुंदरता इसे वर्ष के खगोलीय कैलेंडर का एक मुख्य आकर्षण बनाती है. दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त 2026 भी भारत में देखने को नहीं मिलेगा.
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