Nepal Rains: पूर्वी नेपाल के चार जिलों में सोमवार को बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। बारिश और भूस्खलन के बीच करीब 28 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। कोशी प्रांतीय जिला पुलिस के अनुसार, नेपाल के संखुवासभा, तापलेजंग, पंचथार और धनकुटा जिलों में शनिवार रात हुई भारी बारिश के बाद से पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
प्रांतीय जिला पुलिस रिकॉर्ड में कहा गया है कि पंचथर में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि संखुवासभा, ताप्लेजंग और धनकुटा जिले में एक-एक की मौत हुई है। प्रांतीय जिला पुलिस ने कहा कि शनिवार रात से संखुवासभा में 21 लोगों का पता नहीं चल पाया है, जबकि पंचथर में 4 और ताप्लेजंग जिले में 3 लापता हैं।
मानसून ने पिछले सप्ताह नेपाल में प्रवेश किया है। नेपाल के परिवहन मंत्री प्रकाश ज्वाला ने रविवार को काठमांडू में संसद के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारी बारिश के कारण पूर्वी नेपाल में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
मंत्री ज्वाला ने कहा कि पूर्वी नेपाल के विभिन्न जिलों में विशेष रूप से तापलेजंग, पंचथर, संखुवासभा और तेरहथुम में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ है। उन जिलों में सड़क संपर्क और बेली-ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई और सड़कें बाधित हो गई हैं। मंत्री ने संसद को यह भी बताया कि प्रभावित जिलों में खोज, बचाव और राहत अभियान अभी चल रहा है।
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राहत और बचाव कार्य में जुटी नेपाल की सेना
मंत्री ने बताया कि सरकार लापता लोगों और उन जिलों में आपदा से जूझ रहे लोगों की खोज और बचाव के लिए काम कर रही है। प्रभावित क्षेत्रों में नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल, नेपाल पुलिस के साथ-साथ सरकारी अधिकारी भी बचाव, राहत और लापता लोगों की खोज में शामिल हैं।
राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण ने इस महीने की शुरुआत में इस साल मानसून से 12.5 लाख नागरिकों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया था। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि 286,998 परिवारों के अनुमानित 1.298 मिलियन लोग आपदा से प्रभावित होंगे।
अनुमान है कि मधेश प्रांत में 400,000 और कोशी प्रांत में 300,000 लोग प्रभावित होंगे। एनडीआरआरएमए के अनुसार, अनुमानित 200,000 लोग लुम्बिनी प्रांत में, 100,000 बागमती प्रांत में, 147,000 सुदुरपशिम प्रांत में, 69,000 गंडकी प्रांत में और 35,000 करनाली प्रांत में आपदा के कारण प्रभावित होंगे। बता दें कि पिछले साल लगभग 2 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे।
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