NASA Latest Alert: नासा ने अलर्ट जारी किया है कि दो क्षुद्रग्रह तेजी से धरती की ओर आ रहे हैं। 24 सितंबर की रात को ये धरती के बिल्कुल पास से गुजरेंगे। नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के अनुसार 2020 GE और 2024 RO11 नामक दो बड़े क्षुद्रग्रह सुरक्षित तौर पर धरती के काफी नजदीक से गुजरेंगे। टकराव के जोखिम से वैज्ञानिकों ने पूरी तरह इन्कार किया है। खगोलविद दूरबीन की मदद से इनके ऊपर नजर रख रहे हैं। दोनों में से एक का आकार हवाई जहाज के बराबर है। दोनों एस्टेरॉयड 72 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेंगे।
यह भी पढ़ें:हाफ पैंट वाली गोल्ड मेडलिस्ट ‘नानी’ कौन? कैसे तय किया घुटनों के दर्द से Weighlifting का सफ़र
24 सितंबर 2024 की रात को ये पृथ्वी के बिल्कुल पास से गुजरने वाले हैं। क्षुद्रग्रह 2020 GE का आकार छोटा है। जिसका व्यास लगभग 26 फीट बताया जा रहा है। जो बस के आकार का है। यह चांद की कक्षा से आगे निकलकर धरती के पास से गुजरेगा। वहीं, क्षुद्रग्रह 2024 RO11 का व्यास 120 फीट है, जो धरती से 4850000 मील (7805318.4 KM) की दूरी से गुजरेगा। यह दूरबीन के बिना दिखाई नहीं देगा। वहीं, नासा के अनुसार 25 सितंबर को एक और क्षुद्रग्रह भी धरती के पास से गुजरेगा। इसका नाम 2024 RK7 है, जिसका व्यास लगभग 100 फीट है। इसके भी धरती से टकराने के आसार नहीं हैं। सुरक्षित रूप से पृथ्वी के पास से गुजर जाएगा। यह 2024 RO11 से छोटा है।
Two peanut-shaped asteroids in one month?
---विज्ञापन---That begs the question… How many peanut-shaped asteroids does it take to qualify as a peanut gallery??
More on 2024ON, which safely flew past Earth on Tuesday: https://t.co/WjOqOxAYxG https://t.co/lTenZhZ7Mh pic.twitter.com/v1jgtxJqkM
— NASA JPL (@NASAJPL) September 18, 2024
बिना दूरबीन भी दिख जाते हैं उल्का पिंड
पिछले कुछ दिन से लगातार कोई न कोई एस्टेरॉयड धरती की तरफ आ जाता है। जिसके बाद वैज्ञानिक अलर्ट जारी करते हैं। बता दें कि एस्टेरॉयड खनिज पदार्थों और धातु का मिश्रण होते हैं। दिखने में ये चट्टान जैसे होते हैं। एस्टेरॉयड ग्रहों की परिक्रमा के दौरान धरती के करीब से गुजरते हैं तो कुछ घूमते-घूमते वायुमंडल में भी आ जाते हैं। तब इनको उल्का पिंड के तौर पर जाना जाता है। लोगों को ये नंगी आंखों (बिना दूरबीन) से भी नजर आ जाते हैं। आकाश में ये उल्का पिंड चमकीली रोशनी के तौर पर दिखते हैं। एस्टेरॉयड सौर मंडल के अवशेष हैं, जो 4.6 बिलियन वर्ष पहने बने थे। जब ग्रह अपने आकार में आ रहे थे, तब मिट्टी और गैस के कण आपस में टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गए। बाद में इनको एस्टेरॉयड कहा जाने लगा।
यह भी पढ़ें:हेल्थ इंश्योरेंस कस्टमर्स सावधान! 3.1 करोड़ लोगों का डेटा, मेडिकल रिपोर्ट और मोबाइल नंबर लीक