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पेट्रोल-डीजल के विकल्प Green Hydrogen को भारत पूरे दुनिया में करेगा एक्सपोर्ट

नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब कई देशों में इस पर प्रतिबंध लगने की संभावना है। यूरोपीय संघ ने 2035 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसी तरह, दुनिया भर के कई देश पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के विकल्प […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Dec 19, 2022 12:33
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Green Hydrogen
Green Hydrogen

नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब कई देशों में इस पर प्रतिबंध लगने की संभावना है। यूरोपीय संघ ने 2035 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसी तरह, दुनिया भर के कई देश पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन के विकल्प तलाश रहे हैं। इस बीच भारत दुनिया को स्वच्छ ईंधन के विकल्प मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हाल ही में भारत सरकार देश में उत्पादित Green Hydrogen को निर्यात करने की तैयारी कर रही है।
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण एशियाई देश भारत में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन के सबसे बड़े उपभोक्ता होंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए दक्षिण एशियाई देशों से संवाद शुरू कर दिया है।

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विदेश मंत्रालय से पुष्टि

विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रभात कुमार ने नई दिल्ली में एक उद्योग कार्यक्रम में कहा, “हम भविष्य में हरित हाइड्रोजन को ऊर्जा का मुख्य स्रोत बनाने की स्थिति में हैं। हमारे पास हरित उत्पादन के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त धूप है।” हाइड्रोजन।

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ग्रीन हाइड्रोजन क्या है?

इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा पानी को ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में बदला जाता है। लेकिन इसके लिए बिजली के उपयोग की आवश्यकता होती है। कोयले से उत्पन्न बिजली के बजाय अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से उत्पन्न बिजली पर ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होता है। Green Hydrogen का उत्पादन करते समय शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है। इसलिए इसे ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है। वर्तमान में, हरित हाइड्रोजन का प्रमुख उपयोग मोटर वाहन और रासायनिक उद्योगों में होता है।

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केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया नीति अधिसूचित की थी। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य 2030 तक घरेलू बाजार में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को 50 लाख टन तक बढ़ाना है। साथ ही, मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ ईंधन का प्रमुख निर्यातक बनाना है।

ग्रीन पावर प्लांट पर 25 वर्षों तक कर नहीं लगेगा

इस नीति के तहत अगले 25 वर्षों तक हाइड्रोजन का उत्पादन करने वाले हरित ऊर्जा संयंत्रों पर ऊर्जा संचरण कर नहीं लगाया जाएगा। लेकिन यह फायदा सिर्फ उन्हीं प्रोजेक्ट्स को मिलेगा जो 2025 से पहले शुरू हो जाएंगे। देश की स्टील, रिफाइनरी और फर्टिलाइजर कंपनियां भी भारत में उत्पादित Green Hydrogen का इस्तेमाल कर सकती हैं।

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First published on: Dec 14, 2022 01:00 PM

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