India Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव के समाधान के प्रयासों के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की। हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से भी बातचीत की थी। इस बातचीत में रुबियो ने दोनों देशों से तनाव कम करने के उपायों को खोजने की अपील की और भविष्य में संभावित टकरावों से बचने के लिए सीधे संवाद की शुरुआत करने की सलाह दी है। उन्होंने चर्चा को सुविधाजनक बनाने के लिए अमेरिकी सहयोग का प्रस्ताव भी दिया है।
भारत-पाकिस्तान तनाव दुनिया के लिए संकट
कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों के चलते भारत और पाकिस्तान के संबंध दशकों से तनावपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार होने के कारण इस तनाव की गंभीरता और बढ़ जाती है। हालिया घटनाओं ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच टकराव की आशंका बढ़ा दी है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका, ने चिंता जताई है। पाकिस्तान को टैररिजम ग्रुप्स को समर्थन न देने के लिए सलाह दी है।
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पहले भी कर चुके हैं बात
मार्को रुबियो की जनरल मुनीर से हुई बातचीत अमेरिका के कूटनीतिक प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी टेलीफोन पर पहले भी बात की और दोनों पक्षों से संयम बरतने और संवाद के रास्ते ढूंढने की अपील की है।
बढ़जा जा रहा है दोनों देशों में तनाव
मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर दोनों देशों के बीच पिछले 4 दिनों से तनाव बहुत अधिक बढ़ चुका है। पाकिस्तान भारत के कई शहरों पर ड्रोन से हमला कर चुका है लेकिन उनकी हर कोशिश नाकाम रही है। शुक्रवार रात उन्होंने देश के 26 से ज्यादा जगहों पर ड्रोन अटैक करने की कोशिश की थी। भारतीय सेना द्वारा हर हमले को विफल किया है। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के कई फाइटर जेट औप मिसाइलों को नष्ट किया है।
Had a conversation with US @SecRubio this morning.
India’s approach has always been measured and responsible and remains so.
🇮🇳 🇺🇸
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 10, 2025
अमेरिका क्यों चिंतित?
हाल ही में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्राइवेट मीडिया न्यूज चैनल से बातचीत कर इस बात की पुष्टि की थी कि दोनों देशों के बीच हम सिर्फ शांति बनाए रखने की अपील कर सकते हैं। भारत-पाकिस्तान युद्ध में हमारी हिस्सेदारी नहीं होगी। वहीं, आतंकवाद एक वैश्निक संकट है जिसका विरोध भारत कर रहा है, तो ऐसे में हम उन्हें भी युद्ध रोकने के लिए नहीं कह सकते हैं। उन्हें इस बात की भी चिंता है कि कहीं यह युद्ध इतना गंभीर न हो जाए कि यह परमाणु युद्ध का रूप ले ले।
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