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16000 फीट ऊंचाई, 250KM स्पीड, अचानक 2 टुकड़े हुआ जहाज, लगी भीषण आग, जिंदा जल गए 124 लोग

Boeing 707 Aircraft Crash Anniversary: माउंट फूजी के ऊपर से गुजरते समय अचानक जहाज में आग लग गई और 124 लोग जिंदा जलकर मर गए। जापान के टोक्यो में हुए इस हादसे की यादें आज भी ताजा हैं। 16 हजार फीट की ऊंचाई पर जहाज जिस तरह से आग का गोला बन गया था, देखकर नीचे खड़े लोगों की रूह कांप गई थी।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Mar 5, 2024 11:04
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Boeing 707 Aircraft Crash Over Mount Fuji
Boeing 707 Aircraft Crash Over Mount Fuji

Boeing 707 Aircraft Crash Over Mount Fuji Volcano: दुनिया के सबसे खतरनाक ज्वालामुखी में से एक माउंट फूजी के ऊपर 16 हजार फीट की ऊंचाई पर 250 किलोमीटर की स्पीड से उड़ रहा जहाज अचानक 2 टुकड़ों में बंट गया। भीषण आग लगी और जहाज क्रैश आ गया। जहाज में सवार क्रू मेंबर्स समेत 124 लोग जिंदा जलकर मर गए।

हादसा आज से 58 साल पहले 5 मार्च 1966 को हुआ था। टोक्यो से हांगकांग जाने के लिए ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन के बोइंग 707 प्लेन ने उड़ान भरी थी। 4 फरवरी को ऑल निप्पॉन एयरवेज फ्लाइट के हादसाग्रस्त होने और कैनेडियन पैसिफिक एयर लाइन्स फ्लाइट 402 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एक महीने के अंदर टोक्यो में हुआ यह तीसरा घातक हादसा था, जिसने पूरे जापान को हिलाकर रख दिया था।

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माउंट फूजी की हवाओं के भंवर में फंस गया था जहाज

हादसे की जांच की गई तो दुर्घटना का कारण माउंट फूजी से निकलने वाली गर्म हवाएं थीं, जिन्होंने जहाज को अपनी चपेट में ले लिया था। जहाज उन हवााओं की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकता और शॉर्ट सर्किट होने से जहाज में आग लग गई थी। इंजन तक फेल हो गया था। ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन की फ्लाइट 911 लंदन से टेक ऑफ हुई थी।

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इसे मॉन्ट्रियल, सैन फ्रांसिस्को, होनोलूलू और टोक्यो में स्टॉपेज लेते हुए हांगकांग में लैंड होना था। 3 स्टॉपेज लेने के बाद बोइंग 707 विमान 4 मार्च की रात को होनोलूलू से टोक्यो के लिए उड़ा। सुबह टोक्यो में मौसम ख़राब था। घने कोहरे के कारण हवाई अड्डे पर अंधेरा था, लेकिन प्रशांत महासागर के ऊपर काफी तेज हवाएं चल रही थीं, जिनके कारण मौसम जल्दी ही साफ हो गया। विजिबिलिटी भी काफी अच्छी थी।

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हवाओं ने जहाज को माउंट फूजी की दिशा में धकेला था

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पायलट ने लैंड करने की परमिशन मांगी, लेकिन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने जहाज का रुख मोड़ दिया। वे जहाज को धकेलती हुईं उस दिशा में ले गईं, जहां ज्वालामुखी था। पायलट ने जहाज को काफी कंट्रोल लिया, लेकिन 12,388 फीट (3,776 मीटर) ऊंचाई वाले माउंट फूजी के ऊपर 16000 फीट की ऊंचाई पर जहाज अचानक टूट गया और उसमें आग लग गई। वह तेजी से नीचे की ओर गिरा और जंगलों में क्रैश हो गया।

जहाज में 89 यात्री संयुक्त राज्य अमेरिका के थे। एक चालक दल का सदस्य और 12 यात्री जापान से थे। 9 चालक दल के सदस्य यूनाइटेड किंगडम से थे। बाकी यात्री चीन, कनाडा और न्यूजीलैंड से थे। फ्लाई की कमान कैप्टन बर्नार्ड डॉब्सन (45), प्रथम अधिकारी एडवर्ड मैलोनी (33), द्वितीय अधिकारी टेरेंस एंडरसन (33) और फ्लाइट इंजीनियर इयान कार्टर (31) के हाथों में थी।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 05, 2024 10:42 AM

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