---विज्ञापन---

History: बांग्‍लादेश के 64 में से 63 ज‍िलों में 500 बम धमाके, 30 म‍िनट में दहल उठे 300 ठ‍िकाने

Bangladesh Bombing: साल 2005 में 17 अगस्त को बांग्लादेश में आतंकवादियों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस दिन बांग्लादेश के 64 में से 63 जिलों में कम से कम 500 बम विस्फोट हुए थे।

Edited By : Gaurav Pandey | Aug 17, 2024 07:00
Share :
Bangladesh Flag Symbol
Represacentative Image (Pixabay)

17 अगस्त का दिन बांग्लादेश के इतिहास में बेहद डरावनी यादें समेते हुए है। साल 2005 में आज के ही दिन इस देश के 64 में से 63 जिलों में 300 जगहों पर करीब 500 बम विस्फोट हुए थे। 11.30 बजे इन धमाकों की शुरुआत हुई थी और आधे घंटे के अंदर-अंदर सभी बम फट गए थे। आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी। इस कोऑर्डिनेटेड अटैक में शेख अब्दुर्रहमान और सिद्दीक उल-इस्लाम की अगुवाई वाले इस गुट ने इस हमले को अंजाम देने के लिए एक और आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लाम से हाथ मिलाया था। हालांकि, इस घटना के बाद दोनों गुटों पर बैन लगा दिया गया था।

---विज्ञापन---

तत्कालीन मंत्री ने भारत को बताया था जिम्मेदार

इनमें से कई विस्फोट सरकारी इमारतों के आस-पास हुए थे। राजधानी ढाका में राष्ट्रीय सचिवालय, सुप्रीम कोर्ट परिसर, प्रधानमंत्री कार्यालय, ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस, ढाका शेरटन होटल और जिया इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भी कई धमाके हुए थे। इस हमले में कम से कम 115 लोग घायल हुए थे और 2 लोगों की जान गई थी। जान गंवाने वालों में 10 साल का अब्दुस सलाम और और एक रिक्शाचालक रबीउल इस्लाम शामिल थे। दोनों इन धमाकों में घायल हुए थे और इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई थी। उल्लेखनीय है कि उस समय के बांग्लादेश के उद्योग मंत्री रहे मोतिउर रहमान निजामी ने इन बम धमाकों के लिए भारत को जिम्मेदार बताया था।

दो को फांसी दी गई, 13 लोगों को 20 साल जेल

इस हमले के मास्टरमाइंड सिद्दीक उल इस्लाम उर्फ बांग्ला भाई और शेख अब्दुर्रहमान को पुलिस ने मार्च 2006 में गिरफ्तार किया था। नवंबर 2005 में उन्हें इन धमाकों का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। 29 मार्च 2007 को दोनों को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया था। साल 2017 में इसी मामले में एक अदालत ने प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के 13 सदस्यों को 20 साल के सख्त कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन पर 30,000 बांग्लादेशी टका का जुर्माना भी लगाया गया था। जुर्माना अदा न कर पाने की स्थिति में 3 साल और जेल का फैसला दिया गया था। ये सभी देश के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले थे।

ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में नोटबंदी जैसे हालात! 2 लाख से ज्यादा कैश निकालने पर रोक

ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे किसका हाथ है, आग में किसने डाला घी?

HISTORY

Written By

Gaurav Pandey

First published on: Aug 17, 2024 07:00 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें