Sunita Williams News: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 9 महीने से फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कल धरती पर वापस आ जाएंगे, लेकिन धरती पर पांव रखते ही दोनों को एक खास परेशानी से जूझना पड़ेगा। यह शरीर के एक अंग से संबंधित है, जिसे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को कई महीनों तक सहना पड़ेगा। दरअसल, हम बात कर रहे हैं बेबी फीट के बारे में, यानी बच्चों जैसे पैर। सुनीता और बुच को लेक बेबी फीट की बात इसलिए हो रही है, क्योंकि इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण दोनों के पांव बच्चों जैसे हो गए हैं।
इसलिए वे धरती पर खुद से चल नहीं पाएंगे। ठीक उसी तरह जैसे मां के पेट से निकलने के बाद बच्चे को कई साल चलना सीखने में लग जाते हैं, उसी तरह सुनीता और बुच को भी धरती की ग्रैविटी में खुद को ढालने और चलना सीखने में समय लगेगा। हालांकि उन्हें खुद को धरती के अनुसार ढालने में दिक्कत नहीं होगी, लेकिन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर पर इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने का असर जरूर पड़ेगा, क्योंकि दोनों काफी लंबे समय से पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर हैं। इसलिए धरती पर उतरते ही दोनों के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने शरीर को धरती की ग्रैविटी के हिसाब से ढालने की होगी।
All the hugs. 🫶
---विज्ञापन---The hatch of the SpaceX Dragon spacecraft opened March 16 at 1:35 a.m. ET and the members of Crew-10 entered the @Space_Station with the rest of their excited Expedition 72 crew. pic.twitter.com/mnUddqPqfr
— NASA’s Johnson Space Center (@NASA_Johnson) March 16, 2025
क्या बेबी फीट बीमारी है?
WION की रिपोर्टके अनुसार, विशेषज्ञों कहना है कि बेबी फीट कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक स्थिति है, जो हर इंसान के साथ होती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अंतरिक्ष में बहुत ज़्यादा समय बिताने के बाद अंतरिक्ष यात्री के पैर नवजात के पैरों की तरह नरम हो जाते हैं। यह एक दर्दनाक स्थिति होती है। ऐसे पैरों वाले अंतरिक्ष यात्रियों को चलने में बहुत कठिनाई होती है। जब कोई इंसान धरती पर चलता है तो उसके पैरों को गुरुत्वाकर्षण और घर्षण के रूप में प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है। इससे तलवों की त्वचा मोटी हो जाती है, जो चलने के दौरान होने वाली असुविधा और सामान्य टूट-फूट को रोकती है, लेकिन अंतरिक्ष में कई महीने बिताने के बाद पैरों की सख्त त्वचा उतर जाती है और तलवे बेहद नरम और कोमल हो जाते हैं।
नरम त्वचा को कठोर त्वचा बनने या बनाने में कुछ हफ़्ते से लेकर महीनों तक का समय लगता है, लेकिन तब तक चलने की पूरी प्रक्रिया दर्दनाक होती है। न केवल बच्चों जैसे पैर होंगे, बल्कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की हड्डियां भी कमजोर हो जाएंगी। अंतरिक्ष में हर गुजरते महीने के साथ उनके शरीर में वजन सहने वाली हड्डी का घनत्व एक प्रतिशत कम होता गया। शरीर की मांसपेशियां भी कमजोर होंगी। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों में खून की कमी होने की भी संभावना है। इससे उनका दिल और दिमाग भी कमजोर हो सकता है। कुल मिलाकर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों का पूरा शरीर एक नवजात जैसा होगा, जिसे नॉर्मल होने में कुछ महीने लग सकते हैं।
Crew 10 Dragon vehicle arriving! pic.twitter.com/3EZZyZW18b
— Don Pettit (@astro_Pettit) March 16, 2025
.@NASA will provide live coverage of Crew-9’s return to Earth from the @Space_Station, beginning with @SpaceX Dragon hatch closure preparations at 10:45pm ET Monday, March 17.
Splashdown is slated for approximately 5:57pm Tuesday, March 18: https://t.co/yABLg20tKX pic.twitter.com/alujSplsHm
— NASA Commercial Crew (@Commercial_Crew) March 16, 2025