Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच मजदूर फंसे हुए हैं। टनल में फंसे मजदूरों को उम्मीद है कि वे सूरज की रोशनी जरूर देख सकेंगे लेकिन ये कब संभव होगा, इस बारे में कहना अभी संभव नहीं है। इसके लिए सरकार और बचाव टीम की ओर से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन उनके सामने कई बाधाएं आ रही हैं।
उत्तरकाशी सुरंग में पिछले 2 हफ्ते से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने में लगातार देरी हो रही है। उनके परिजनों को सिर्फ तारीख पर तारीख ही मिल रही है. मजदूरों के परिजन प्रतिदिन यह उम्मीद लगाए हुए हैं कि आज उनकी मुलाकात उनके बच्चों से जरूर हो जाएगी, लेकिन उनको सिर्फ निराशा ही मिल रही है। मजदूरों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब भी सस्पेंस बरकरार है।
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उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव: टनल के अंदर काम कर रहे बचाव दल के लोगों के लिए प्रोटेक्शन अंब्रेला बनाई जा रही है। pic.twitter.com/aqL1I1AfKp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 26, 2023
जानें रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या आईं बाधाएं
उत्तरकाशी टनल में पिछले 48 घंटों में ड्रिल करने के कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी अमेरिका से आई ऑगर मशीन के ब्लेड अचानक से मलबे में फंस गए हैं। इसकी वजह से अब यह मशीन ने काम करना बंद कर दिया है. ऑगर मशीन अपनी मंजिल के काफी करीब था, लेकिन लोहे के गर्डर और चट्टान मशीन के ब्लेड में भर गए हैं। ऐसे में टनल के अंदर काम कर रहे बचाव दल के लोगों के लिए प्रोटेक्शन अंब्रेला बनाई जा रही है। प्लाज्मा कटर हैदराबाद से सिल्कयारा टनल साइट पर पहुंच गया है. इसकी मदद से पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को निकालने के काम में तेजी आ जाएगी.
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जानें अब क्या चल रही तैयारी
अब रेस्क्यू टीम के पास एक और विकल्प है, जिसके जरिये मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन इसमें काफी वक्त लग सकता है। वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिये मजदूरों को तक पहुंचा जा रहा है। इसके तहत सुरंग के ठीक ऊपर के हिस्से से पहाड़ की खुदाई की जा सकती है। हालांकि, पहाड़ के ऊपर से ड्रिलिंग करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि पहाड़ में कंपन पैदा कर सकता है।