Uttarkashi: उत्तरकाशी में कथित तौर पर लव जिहाद के मामले को लेकर फ्रंटफुट पर आया पुरोला प्रधान संगठन अब बैकफुट पर है। बताया गया है कि 15 जून को महापंचायत करने को लेकर पुरोला प्रधान संगठन की ओर से जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा गया था।
इस ज्ञापन पर संगठन की ओर से महापंचायत की अनुमति मांगी गई थी। कहा गया है कि प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। अब आज यानी मंगलवार को फिर से संगठन ने जिला प्रशासन को एक ओर ज्ञापन सौंपा है, जिसमें महापंचायत की अगुवाई न करने की बात कही गई है।
सरकार कर रही है मामले की निगरानी
इसके अलावा उत्तराखंड शासन और जिला प्रशासन मामले पर नजर बनाए हुए है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। इलाके के एसपी की ओर से कहा गया है कि फोर्स तैनात कर दी गई है। एसपी ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो इलाके में धारा 144 भी लगाई जा सकती है। साथ ही जिसने धारा 144 निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य स्तर से भी मामले की निगरानी की जा रही है।
संगठन ने फिर से प्रशासन को दिया ज्ञापन
एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लॉक प्रधान संगठन के अध्यक्ष अंकित रावत ने मंगलवार को इलाके के एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा गया है कि प्रधान संगठन महापंचायत को लेकर किसी भी प्रकार की अगुवाई नहीं करेगा। संगठन की ओर से कहा गया है कि वे जनता के साथ है। किसी भी प्रकार का कानून व्यवस्था उल्लंघन होने पर संगठन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
जिला प्रशासन और पुलिस ने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व हिंदू परिषद के भी महापंचायत में शामिल होने के आसार हैं। इस जानकारी पर जिला प्रशासन की सतर्क हो गया है। उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी प्रकार के सम्मेलन या फिर महापंचायत करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। एसपी अपर्ण यदुवंशी ने कहा है कि पुलिस की पूरी तैयारी है। धारा 144 लगाई जा सकती है।
क्या है उत्तरकाशी में लव जिहाद का पूरा मामला
बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पुरोला कस्बा है। यहां 15 मई को एक मुस्लिम लड़ने पर कथित तौर पर एक हिंदू नाबालिग लड़की के अपहरण का आरोप है। इसके बाद से कस्बे में बवाल मचा हुआ है। सोमवार को कुछ हिंदूवादी लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों पर हमला बोल दिया था। इस पर पुलिस ने उन्हें खदेड़ा था। बताया गया है कि हिंदूवादी लोगों ने कस्बे में कई बार विरोध प्रदर्शन करते हुए बाजारों को बंद भी रखा है।