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लिव-इन रिलेशनशिप: पार्टनर के साथ उत्तराखंड जाने से पहले नए नियमों के बारे में जानना जरूरी

UCC In Uttarakhand: अगर आप पार्टनर के साथ उत्तराखंड जाने के बारे में सोच रहे हैं तो नए नियमों के बारे में जान लें, वरना परेशानी हो सकती है।

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Feb 8, 2024 15:46
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पार्टनर के साथ उत्तराखंड जाने से पहले पढ़ लें UCC के नए नियम

UCC In Uttarakhand Pushkar Singh Dhami Uniform Civil Code Bill: उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार (7 फरवरी) को समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 को पारित कर दिया। इस विधेयक पर सदन में दो दिन तक लंबी चर्चा हुई। इस दौरान सभी विधायकों ने अपनी बात रखी। इस विधेयक में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर नए नियम बनाए गए हैं। अगर आप किसी अन्य राज्य के निवासी हैं और उत्तराखंड जाना चाहते हैं तो नए नियमों के बारे में जानना आपके लिए जरूरी है। वे नए नियम कौन-कौन से हैं? आइए जानते हैं…

रजिस्ट्रार के सामने लिव-इन रिलेशनशिप का विवरण पेश करना जरूरी

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यूसीसी विधेयक के मुताबिक, चाहे आप उत्तराखंड के रहने वाले हैं या नहीं, अगर लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो रजिस्ट्रार के सामने धारा 381 की उपधारा (1) के तहत रिलेशनशिप का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है। वहीं, उत्तराखंड का रहने वाला कोई शख्स अगर दूसरे राज्य में लिव-इन में रहता है तो उसे भी रजिस्ट्रार (जिसके अधिकार क्षेत्र में उसका घर है) के सामने रिलेशनशिप का विवरण प्रस्तुत करना होगा।

इस स्थिति में नहीं होगा लिव-इन का पंजीकरण

बिल के मुताबिक, अगर कोई एक व्यक्ति विवाहित है या नाबालिग है तो लिव-इन  रिलेशनशिप पंजीकृत नहीं किया जाएगा। वहीं, लिव-इन में रहने वाले दंपति के बच्चे को अन्य बच्चों की तरह वैध बच्चा माना जाएगा।

यह भी पढ़ें: UCC: उत्तराखंड में ल‍िव-इन में रहने के लिए करनी होंगी ये शर्तें पूरी, जान लें पूरा प्रोसेस

लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण की प्रक्रिया

  • रजिस्ट्रार के सामने निर्धारित प्रारूप में लिव-इन रिलेशनशिप का विवरण पेश करना होगा।
  • रजिस्ट्रार लिव-इन के विवरण की जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि रिलेशनशिप धारा 380 के तहत है।
  • रजिस्ट्रार उप-धारा (2) के तहत, विवरण की जांच करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को बुला सकता है और उनसे रिलेशनशिप के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या सबूत पेश करने के लिए कह सकता है।
  • जांच के बाद रजिस्ट्रार अगर संतुष्ट होता है तो 30 दिन के भीतर लिव-इन रिलेशनशिप को पंजीकृत कर एक प्रमाणपत्र जारी करेगा। वरना, रिलेशनशिप को रजिस्टर करने से इनकार करते हुए इसकी वजह के बारे में भागीदारी/व्यक्तियों को लिखित रूप में जानकारी देगा।

लिव-इन रिलेशनशिप को कैसे खत्म किया जा सकता है?

  • लिव-इन के दोनों भागीदार या उनमें से कोई भी रिलेशनशिप को तोड़ सकता है और निर्धारित प्रारूप में रजिस्ट्रार के सामने इसका विवरण पेश कर सकता है। यदि केवल एक भागीदार रिलेशनशिप को समाप्त करता है तो ऐसे बयान की एक प्रति दूसरे भागीदार को भी देनी होगी।
  • लिव-इन रिलेशनशिप का कोई भी बयान रजिस्ट्रार द्वारा रिकॉर्ड के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को भेजा जाएगा। यदि भागीदारों में से कोई भी 21 साल से कम आयु का है तो उनके माता-पिता या अभिभावकों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी।
  • यदि रजिस्ट्रार को भागीदारों पर संदेह होता है तो वह कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को इसकी जानकारी देगा।
  • लिव इन रिलेशनशिप को एक भागीदार द्वारा तोड़ने पर धारा 384 के तहत पेश किसी भी बयान पर रजिस्ट्रार दूसरे साथी को ऐसे बयान के बारे में जानकारी देगा। यदि दोनों में से किसी की उम्र 21 साल के कम है तो उनके माता-पिता और अभिभावकों को भी जानकारी देगा।

लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण न कराने पर सजा

अगर कोई भी एक महीने से अधिक समय तक बिना पंजीकरण के लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है तो उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दोषी ठहराए जाने पर दंडित किया जाएगा। इसके तहत उसे तीन महीने की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि कोई भी व्यक्ति लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर गलत दावा करता है तो उसे 3 महीने की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। वहीं, अगर कोई भागीदार नोटिस मिलने पर भी लिव-इन रिलेशनशिप का विवरण प्रस्तुत नहीं करता है तो उसे छह महीने तक की सजा या 25 हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

लिव -इन पार्टनर ने अगर महिला को छोड़ दिया तो क्या होगा?

अगर किसी महिला को उसके लिव-इन पार्टनर ने छोड़ दिया जाता है, तो वह अपने लिव-इन पार्टनर से भरण-पोषण का दावा करने की हकदार होगी। इसके लिए उसे उस स्थान पर अधिकार क्षेत्र रखने वाले सक्षम न्यायालय से संपर्क करना होगा, जहां वे दोनों एक साथ रहते थे।

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Edited By

Achyut Kumar

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Achyut Kumar

First published on: Feb 07, 2024 10:03 PM

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