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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड की वो 9 आपदाएं जिसमें बह गए पूरे गांव, सैंकड़ों लोगों का आज तक नहीं मिला सुराग

Uttarakhand Cloudburst: बीते दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में कुदरत की तबाही देखने को मिली। इसके वीडियो सामने आए, जिसमें एक ही पल में पानीके रास्ते में आने वाले सभी घर बह गए। उत्तराखंड में ये पहली बार नहीं है जब इस तरह की तबाही देखने को मिली है। इसके पहले भी सैकड़ों लोगों की मौत इस तरह की घटनाओं में जा चुकी है।

Author Written By: Shabnaz Author Published By : Shabnaz Updated: Aug 6, 2025 09:10
uttarkashi Cloudburst
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Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली और सुखी टॉप इलाके में पानी कुदरत का कहर बनकर बरसा। बादल फटने की वजह से इलाके के कई घर बह गए। इसमें अभी तक 200 से ज्यादा लोग लापता हैं, जिसमें 4 लोगों के मरने की खबर है। अभी लापता लोगों की खोज के लिए रेस्क्यू टीम तेजी से काम कर रही है। उत्तराखंड में इस तरह की आपदाएं पहले भी समय-समय पर आती रही हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं में उत्तरकाशी की तरह ही पूरे के पूरे घर पानी बह गए। इसमें कई घटनाएं अगस्त के महीने में ही हुई हैं। देवभूमि में पहले ऐसा ही 9 घटनाओं के बारे में आपके बताएंगे।

उत्तरकाशी में 4 लोगों की मौत

5 अगस्त को उत्तरकाशी के बादल फटने की घटना हुई। इसमें अभी तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है। बाकी जो 200 लोग लापता हैं उनकी खोज की जा रही है। इस कुदरत के कहर में धराली गांव में पानी के साथ आए मलबे से होटल, घर और दुकानें सब बह गया। लापता लोगों में 9 सेना के जवाल भी शामिल हैं। रात और बचाव का काम जारी है।

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जून में भी फट चुका है बादल

जून 2025 में भी उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर बदाल फटने से कुछ लोग पानी में बह गए। जिस जगह पर पानी आया लहां पर एख होटल का निर्माण किया जा रहा था, जिसमें ये मजदूर काम कर रहे थे। इसमें दो लोगों की मौत हो गई और बाकी के मजदूर आज भी लापता हैं।

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अगस्त 2024 में रुद्रप्रयाग में तबाही

पिछले साल अगस्त में कादारनाथ घाटी के रुद्रप्रयाग जिले में बादल फटा था। इसमें करीब 11 लोगों की मौत हुई थी। इसमें कुछ शव राहत बचाव कर्मियों को मलबे से मिले थे। उस दौरान बारिश के बाद नदियों में उफान आ गया था। इसका असर तीर्थयात्रा पर देखने को मिला।

1998 में कुदरत ने दिखाया मौत का तांडव

साल 1998 में अगस्त का ही महीना था। मालपा (पिठोरागढ़ जो उस समय उत्तर प्रदेश में था) बादल फटा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आपदा में करीब 221 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना से लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें पूरा गांव मिट गया। इसी घटना में भारतीय करालकार प्रेतिमी बेदी की भी मौत हुई थी।

अन्य बादल फटने की घटनाएं

जुलाई 2024 में घनसाली क्षेत्र टिहरी में बादल फटा था। इसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई। इसी सील 31 जुलाई पिथौरागढ़ में फिर से बादल फटने की घटना हुई। इसमें 11 लोगों की मौत की खबर है। वहीं, कई लोग लापता हो गए थे। 2012 में उत्तरकाशी के उखीमठ क्षेत्र में बादल फटने से 33 लोगों की मौत हो गई। इसमें करीब 35 लोग लापता थे। जुलाई 2014 में टिहरी में 6 लोगों की मौत हुई। साल 2016 में सिंहाली में 12 लोगों की जान बादल फटने से गई थी।

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First published on: Aug 06, 2025 09:10 AM

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