उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से 5 किमी दूर मंजीठा नाम का एक गांव है, जहां नाग देवता की पूजा होती है। यह ज्यादातर सावन के पवित्र महीने में इसका मेला लगता है। इस दौरान दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं दूर-दूर से आते हैं। ऐसी माना जाता है कि सावन के पूरे महीने और नागपंचमी के दिन इस मंदिर में जो भी श्रद्धा भक्ति से मन्नत मांगता है और वह पूरी हो जाती है। इसके साथ ही जो लोग सांपों से परेशान हैं या जिन्हें सांपों से डर लगता है, वे यहां दर्शन कर अपनी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। सभी तरह के जहरीले सांपों की अदालत भी लगती है और उनको नाग देवता दिशा-निर्देश भी देते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जिन लोगों को सांप काट लेता है। वो भी यहां अगर पहुंच जाए, तो उसकी जान बच जाती है।
बाराबंकी के इस मंदिर का इतिहास
जानकारी के मुताबिक, मजीठा गांव के ज्यादातर घरों में अक्सर सांप निकलते रहते हैं। वह इन घरों में निवास करते हैं, लेकिन वो न किसी को नुकसान पहुंचाते हैं और न ही इंसान ही उनको मारते हैं। यहां लोग सांपों को दूध पिलाते हैं और उनको देखते ही हाथ जोड़कर पूजा अर्चना करते हैं। वहीं, नाग देवता भी उनको हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि हर समस्या को दूर करते हैं। हर साल सावन के महीने में मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। खासकर नाग पंचमी के दिन लोगों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
बीमारी भी होती है ठीक
अगर कोई अपनी किसी बीमारी से बहुत परेशान है तो केवल इस मंदिर पर मिट्टी की बनी छोटी-छोटी मालिया के चढ़ाने भर से ही सारी दिक्कत दूर हो जाती है। इस मंदिर में आए कुछ भक्तों ने बताया कि वह अपने शरीर के कुछ हिस्सों में मसों से परेशान थीं। जब उन्होंने मंदिर के दर्शन करने के बाद मन्नत मांगी तो उसकी मुराद पूरी हो गई। वहीं, दूसरे भक्त ने बताया कि वे सालों से यहां आते हैं और किसी के शरीर में कोई भी परेशानी यहां आने मात्र से ही सही हो जाती है।
मंजीठा गांव के पुष्पेंद्र के मुताबिक, मंदिर में बाराबंकी के अलावा कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं। इसके साथ ही दूसरे राज्यों के लोग भी चमत्कारी नाग देवता मंदिर में दर्शन करने आते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल यहां दूसरे देश ब्राजील से भी श्रद्धालु आए थे। वह यहां आकर मंदिर की शक्तियों से काफी प्रभावित हुए। आपको बता दें, ऐसी आस्था है कि मंदिर में स्थित मठ पर मिट्टी की मालिया चढ़ाने के बाद इनको घरों में रखने से न तो घर के अंदर सांप आएंगे और न ही जहरीले जीव जंतु ही आएंगे।
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