वसीम अहमद, बस्ती
जिले के DM कार्यालय में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बच्चे के साथ पहुंचकर खुद पर पेट्रोल डाल आत्मदाह करने की कोशिश की। घटना शुक्रवार दोपहर की है जब संदीप कुमार नाम का व्यक्ति DM चैंबर के बाहर अचानक पेट्रोल से भरी बोतल निकालकर अपने ऊपर उड़ेलने लगा। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए बोतल छीन ली और किसी तरह उसे आत्मदाह करने से रोक लिया। घटना के बाद पूरे परिसर में हड़कंप मच गया और संदीप को समझा-बुझाकर शांत कराया गया।
दबंग भाई ने प्रधानमंत्री आवास पर किया कब्जा
पीड़ित संदीप कुमार का आरोप है कि उसके बड़े भाई सुनील कुमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले मकान पर जबरन कब्जा कर लिया है। संदीप का कहना है कि उसके पास भी आवास योजना के अंतर्गत घर मिला था, लेकिन दबंग भाई सुनील ने न केवल उसका मकान हड़प लिया बल्कि उसे परिवार सहित मारपीट कर घर से बाहर भी निकाल दिया। बीते एक साल से वह पत्नी और छोटे बच्चे के साथ न्याय के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। पुलिस, ब्लॉक और तहसील तीनों ही विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
मारपीट और मुकदमे से टूट चुका है पीड़ित परिवार
संदीप ने बताया कि 29 अप्रैल को उसके भाई सुनील, सीता और राम मूरत ने उसकी भाभी कुसुम के साथ मिलकर बुरी तरह मारपीट की। इसके बावजूद मुकदमा उसी के खिलाफ दर्ज करवा दिया गया। उसका कहना है कि जब न्याय व्यवस्था ही अंधी हो गई है तो मजबूरी में उसे आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा। उसने जिला प्रशासन और अपने भाई को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। संदीप की पत्नी ने भी रोते हुए बताया कि छोटे-छोटे बच्चे के साथ वह कहां जाए, न तो किराए का घर मिल रहा है और न ही कोई सरकारी मदद।
ग्राम प्रधान ने भी लगाए प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
ग्राम प्रधान देवेंद्र बहादुर सिंह ने भी संदीप के आरोपों की पुष्टि की है। प्रधान ने बताया कि संदीप और उसके भाई दोनों को प्रधानमंत्री आवास मिला था, लेकिन बड़े भाई सुनील ने अपने छोटे भाई के घर पर कब्जा कर लिया है। प्रधान के अनुसार प्रशासन को पहले ही इस विवाद की जानकारी दी जा चुकी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। घटना के बाद पुलिस ने संदीप को समझा कर DM कार्यालय से बाहर निकाला और उसे आगे मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।