देश में लोकसभा चुनाव होने में भले ही काफी वक्त है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर ली है। इस बार के आम चुनाव में सिर्फ गठबंधनों के बीच मुकालबा देखने को मिलेगा- पहला एनडीए तो दूसरा इंडिया गठबंधन। कुछ गिनी चुनी पार्टियों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियां यह तो एनडीए के साथ हैं या फिर इंडिया गठबंधन के साथ। देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं और यहां अभी भी गठबंधन का पेंच फंसा हुआ है। सपा और बीएसपी की राहें अलग-अलग नजर आ रही हैं। आइये जानते हैं कि अगर बसपा इंडिया गठबंधन में इन हुई तो सपा के साथ कौन पार्टी आउट हो जाएगी?
केंद्र की सत्ता से मोदी सरकार को हटाने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया बन गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में गठबंधन का रथ दौड़ता नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ बहुजन समाज पार्टी (BSP) है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (SP) है। इंडिया गठबंधन में पहले दिन से अखिलेश यादव की पार्टी सपा शामिल है, लेकिन अलायंस में मायावती के लिए लक्ष्मण रेखा खिंची है। सपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर ऐतराज जताया है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी भी आ गए हैं, जिन्होंने बसपा की एंट्री का विरोध किया है।
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बसपा को साधने में लगी है कांग्रेस
मायावती उत्तर प्रदेश में दलित समुदाय की सबसे बड़ी नेता हैं। मायावती के बिना यूपी के 21-22 प्रतिशत वोटरों को साधना मुमकिन नहीं है। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि कांग्रेस ने मायावती से संपर्क साधा था। कांग्रेस चाहती है कि बसपा भी इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाए। इसे लेकर पिछले दिनों दिल्ली में हुई गठबंधन की बैठक में भी चर्चा हुई थी। इस दौरान अखिलेश यादव ने बसपा को लेकर कांग्रेस से तल्ख सवाल किए थे। आपको बता दें कि पिछले दिनों सपा ने कहा था कि अगर बसपा की गठबंधन में एंट्री होगी तो उनकी पार्टी की राहें अलग हो सकती हैं।
इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद मायावती का सामने आया बयान
इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती मीडिया के सामने आईं और उन्होंने इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि बिना वजह किसी पार्टी के बारे में टिका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। भविष्य में कब कौन किसके काम आ जाए, ये नहीं कहा जा सकता है। उस समय ऐसे लोगों और ऐसी पार्टियों को शर्मिंदा होना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि मायावती का यह बयान सपा के लिए था। इसके बाद अखिलेश यादव ने बसपा को लेकर कहा था कि सपा ने बैठक में अपना स्टैंड रख दिया है।
क्यों जयंत चौधरी ने किया विरोध
उत्तर प्रदेश में सपा के साथ राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने बसपा को लेकर विरोध किया है। इसके पीछे की वजह साल 2019 का लोकसभा चुनाव है। सपा और बसपा ने गठबंधन करके 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त बसपा ने गठबंधन में आरएलडी को ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी। बाद में सपा ने अपने कोटे से आरएलडी को सीटें दी थीं। अब जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी ने बसपा से अपना पुराना बदला ले लिया है। जयंत चौधरी ने कहा कि अगर बीएसपी की एंट्री कराई गई तो उसकी पार्टी इंडिया गठबंधन से अलग हो जाएगी। ऐसे में गठबंधन के सामने बड़ी दुविधा है कि सपा-आरएलडी को साधे या फिर बसपा को?