court gave justice gangrape case of Jalaun: अक्सर कहा जाता है कि भगवान के घर देर तो है लेकिन अंधेर नहीं, इस कहावत को साबित करने के लिए आज के वक्त में भगवान तो धरती पर आकर सजा नहीं देते लेकिन उनकी जगह कोर्ट से भी भगवान की तरह ही न्याय की उम्मीदें लगाई जाती हैं और कहीं न कहीं देर सवेर न्याय मिलता जरूर है। ऐसा ही कुछ यूपी के जालौन में हुआ, जहां गैंगरेप और हत्या के मामले में पीड़िता को 8 साल बाद कोर्ट से न्याय मिला और वहीं शनिवार को इस मामले में संलिप्त आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
8 साल पहले गैंगरेप की वारदात को दिया था अंजाम
लंबे समय तक कोर्ट में चले इस मामले को लेकर इस केस की पैरवी करने वाले अपर जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बीते 8 साल पहले 8 सितंबर 2015 को कोंच कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले दंपति उरई जिला किसी कार्यक्रम में शामिल होने आये थे। दोनों उसी रात अपनी बाइक से वापस कोंच जा रहे थे। वापसी के दौरान जब वे अपनी बाइक से कोंच कोतवाली इलाके में आने वाले पनयारा गांव के पास पहुंचे तो बाइक से पीछा कर रहे तीन बदमाशों ने बाइक सवार दंपति को रोककर पति को पकड़ लिया और पति के सामने ही महिला के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था।
गैंगरेप के बाद जेवरात लूट कर हुए थे फरार, 4 दिन में हुई थी गिरफ्तारी
उन्होंने बताया कि पत्नी के साथ हो रही इस घटना का जब पति ने विरोध किया तो बदमाशों ने सरिया से हमला करते हुए महिला के पति की मौके पर हत्या कर दी। इतना ही नहीं, उस दौरान बेसुध अवस्था में पड़ी महिला के जेवरात लूट कर आरोपी मौके से फरार हो गए। इस घटना के बाद जालौन पुलिस ने 9 सितंबर 2015 को मेडिकल के आधार पर रेप, हत्या तथा लूट की संगीन धाराओं में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और इसी मामले में तेजी के साथ चली जांच के आधार पर उरई कोतवाली क्षेत्र के गांव गढ़र के रहने वाले बृजमोहन, अभिजीत उर्फ मंटोले तथा ध्यानचंद उर्फ ध्यानु का नाम सामने आया, जिसके बाद 13 सितंबर को पुलिस द्वारा तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
कोर्ट ने आजीवन कारावास की सुनाई सजा
पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई के साथ सबूतों के आधार पर उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए। इसी के बाद अब पूरे 8 साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय स्पेशल जज डकैती के न्यायाधीश अंचल लवानियां ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर शुक्रवार को तीनों आरोपी बृजमोहन, ध्यानचंद और अभिजीत को दोषी मानाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इतना ही नहीं, आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ ही कोर्ट ने आरोपियों पर 2 लाख 4 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद जालौन पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्त में लेकर उरई जिला कारागार भेज दिया है, इस आरोपियों में ध्यानचंद पहले से ही उरई जेल में बंद है।