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कौन हैं भरतपुर के पूर्व महाराज विश्वेंद्र सिंह? प्रॉपर्टी विवाद में पत्नी-बेटे को अदालत में घसीटा

Former Maharaja Of Bharatpur Vishwendra Singh : भरतपुर के पूर्व महाराज विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें जबरन घर से निकाल दिया है। इसे लेकर उन्होंने अदालत से मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। वहीं, उनकी पत्नी और बेटे ने उनके आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वह पूर्वजों की संपत्ति बेचने की कोशिश कर रहे थे।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: May 23, 2024 19:52
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Former Maharaja Of Bharatpur Vishwendra Singh
भरतपुर के पूर्व महाराज विश्वेंद्र सिंह।

Who Is Former Maharaja Of Bharatpur : राजस्थान में भरतपुर के शाही परिवार के सदस्य इस समय कानूनी जंग में उलझे हुए हैं। भरतपुर के पूर्व महाराज विश्वेंद्र सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और अपनी पत्नी और बेटे से मेंटेनेंस की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने खुद के वरिष्ठ नागरिक होने का तर्क दिया है। इस रिपोर्ट में जानिए विश्वेंद्र सिंह कौन हैं और वह विवाद असल में क्या है जिसमें उन्होंने अपने परिवार को ही अदालत में घसीट लिया है।

विश्वेंद्र सिंह (62) ने भरतपुर में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की अदालत में एक याचिका दाखिल की है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बेटे और पत्नी ने उन्हें प्रताड़ित किया और अपने ही घर से बाहर कर दिया। सिंह ने याचिका में कहा है कि मैं बुजुर्ग हूं और दिल का मरीज हूं, मुझे 2 बार कोविड-19 हो चुका है और मेरे पास रहने के लिए जगह नहीं है। इसलिए पत्नी और बेटे से मुआवजा मिलना चाहिए। बता दें कि भरतपुर के शाही परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है।

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पत्नी और बेटे ने खारिज किए सभी आरोप

उनकी पत्नी का नाम दिव्या सिंह और बेटे का नाम अनिरुद्ध सिंह है। विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि मेरे पिता महाराज ब्रजेंद्र सिंह ने ये संपत्तियां एक वसीयत के मेरे नाम की थीं। हालांकि, दिव्या और अनिरुद्ध ने इन आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि आरोप झूठे हैं और विश्वेंद्र सिंह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह पूर्वजों की संपत्ति को बेचना चाहते हैं, जबकि हम ऐसा नहीं होने देना चाहते। सिंह ने दोनों से हर महीने पांच लाख रुपये मेंटेनेंस के तौर पर मांगे हैं।

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‘बंजारे जैसा जीवन जीने के लिए मजबूर हूं’

जिन संपत्तियों को लेकर विवाद है उनमें भरतपुर के बीचोंबीच स्थित मोती महल, दरबार कोठीस कोठी इजलास खास, बंद बरेठा आदि शामिल हैं। इन संपत्तियों में बेशकीमती एंटीक और हंटिंग ट्रॉफीज हैं। विश्वेंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि मुझे मेरे घर (मोती महल) से जबरन निकाल दिया गया। मैं बंजारे का जीवन जी रहा हूं। कभी कभी मुझे सरकारी आवास में तो कभी होटल में रहना पड़ता है। जब मैं भरतपुर आता हूं तो मुझे अपने ही घर में नहीं आने दिया जाता।

राजस्थान सरकार में रह चुके कैबिनेट मंत्री

पूर्व महाराज विश्वेंद्र सिंह एक सफल राजनेता भी रहे हैं। अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री रहते हुए वह राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि लोकसभा में विश्वेंद्र सिंह तीन बार भरतपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अलावा वह 3 बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं। उन्हें अशोक गहलोत का खास करीबी बताया जाता है। नेता रहते हुए वह काफी लोकप्रिय थे क्योंकि उनके क्षेत्र के लोगों को उनसे मिलने में कभी कोई समस्या नहीं होती थी।

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Gaurav Pandey

First published on: May 23, 2024 07:52 PM

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