Rajasthan Politics: राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इन दिनों प्रदेश के दौरे पर हैं। वे उपचुनाव से पहले प्रदेश में सक्रिय हो गई हैं। इसी क्रम में वे आज उदयपुर पहुंचीं। यहां उन्होंने एक जैन संत के चार्तुमास पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और शिष्टाचार-लोकाचार को लेकर अपनी बात रखी।
पूर्व सीएम ने कहा जैन धर्म का मूल सिद्धांत है हिंसा रहित जीवन, लेकिन हिंसा की परिभाषा सिर्फ़ हथियार से हिंसा करना या किसी को मारना-पीटना ही नहीं। किसी का दिल दुखाना, किसी का दिल तोड़ना, किसी की आत्मा को सताना भी है। उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में सबसे बड़ी धन दौलत जनता का प्यार है, जो उन्हें निरंतर मिल रहा है। वे ऋषभदेव मंदिर में जैन संत आचार्य पुलक सागर जी महाराज के ज्ञान गंगा महोत्सव में बोल रही थी।
जैसा बोओगे-वैसा काटोगे
पूर्व सीएम ने कहा कि जैन धर्म का सिद्धांत जीओ और जीने दो है, लेकिन कई लोगों ने इसे उलट दिया है। जीओ और जीने मत दो। यानी ख़ुद तो जीओ,लेकिन दूसरों को जीने मत दो। ऐसा करने वाले वाले भले ही थोड़े समय खुश हो जाये, पर वे हमेशा सुखी नहीं रह सकते, क्योंकि जैसा बोओगे-वैसा काटोगे। राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को आगे बढ़ाते हुए, सभी लोग भारत के विकास में अपना योगदान दें।
उन्होंने दो पंक्तियां भी सुनाई। काश ऐसी बारिश आये,जिसमें अहम डूब जाए,मतभेद के किले ढह जाएं, घमंड चूर-चूर हो जाए,गुस्से के पहाड़ पिघल जाए, नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये और सब के सब, मैं से हम हो जाएं।
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ये नेता रहे मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के अलावा विधायक काली चरण सराफ,अजय सिंह किलक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक भैंरा राम सिओल, विधायक तारा चंद जैन, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा, पूर्व विधायक अमृता मेघवाल,नाना राम अहारी, उदयपुर भाजपा ज़िला अध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंग भानावत समेत कई कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
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