---विज्ञापन---

Rajasthan Election 2023: पूर्वी राजस्थान में ‘कांग्रेस तेरी खैर नहीं पायलट तुझसे बैर नहीं’, मारवाड़ में RLP ने बढ़ाई टेंशन

Rajasthan Election 2023 Voting Update: राजस्थान में वोटिंग के बाद जीत को लेकर दोनों ही पार्टियां अपने -अपने दावे कर रही है। हालांकि वोटिंग बढ़ने से रिवाज कायम रहने की बात की जा रही है। ऐसे में प्रदेश में एक बार फिर रिवाज कायम रह सकता है।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 26, 2023 08:40
Share :
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 1

Rajasthan Election 2023 Voting Update: राजस्थान में मतदान की समाप्ति के बाद दोनों पार्टियां गुणा-भाग करने में व्यस्त हैं। इस बार भी प्रदेश में भाजपा रिवाज कायम रहने की बात कह रही है तो वहीं कांग्रेस रिवाज बदलने की बात कह रहे हैं। हालांकि प्रदेश में बंपर शादियों के बीच वोटिंग परसेंटेज बढ़ने से जहां एक ओर भाजपा खुश है तो वहीं कांग्रेस भी अंडर करंट की बात कह रही है। सबके अपने-अपने दावे हैं।

इस चुनाव की दिलचस्प बात यह रही कि इस बार मुकाबला कांग्रेस के सीएम अशोक गहलोत और पीएम मोदी के बीच था। हालांकि बीच-बीच में सीएम गहलोत कहते भी थे कि इस बार इनके पास सीएम कैंडिडेट नहीं हैं। मोदीजी के चेहरे पर चुनाव में उतरे हैं। हालांकि वसुंधरा को साइडलाइन किए जाने की बात भी सीएम गहलोत बार-बार उठाते थे।

---विज्ञापन---

शेखावटी में वोटिंग बढ़ने से चिंतित दोनों पार्टियां

वहीं कुछ सीटों पर भी मतदान घटा और बढ़ा है। 25 नवंबर को हुए मतदान से कई रूझान साफ हो रहे हैं। इस बार का चुनाव बड़ा ही कठिन था। सीएम गहलोत की सीट पर ही मतदान पिछली बार की तुलना में 2.59 प्रतिशत कम था। इसके अलावा गोविंद सिंह डोटासरा, शांति धारीवाल और अशोक चांदना की सीटों पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिला हैं। वहीं भाजपा में भी नरपत सिंह राजवी, वासुदेव देवनानी, राजेंद्र राठौड़, की सीटों पर भी मुकाबला रोचक देखने को मिला है।

पूर्वी राजस्थान में पलट सकता है पासा

पूर्वी राजस्थान में पायलट का फैक्टर प्रभावी है। वजह है गुर्जर वोट बैंक। पिछले चुनाव में यहां की 39 में से केवल 4 सीटें भाजपा जीत पाई थी। पिछली बार की तुलना में इस बार यहां भी मतदान चैंकाने वाला रहा। पिछले चुनाव में गुर्जरों ने कांग्रेस को सपोर्ट किया था। हालांकि माना जा रहा है कि इस बार गुर्जर कांग्रेस से नाराज थे। इस बार एक नारा भी गंूज रहा था कि कांग्रेस तेरी खैर नहीं, पायलट तुझसे बैर नहीं। ऐसे में इन सीटों इस बार पासा पलट सकता है।

शेखावटी में मतदाताओं को इतनी आसानी से नहीं समझा जा सकता है। यहां भाजपा ने दांतारामगढ़ सीट से सुभाष महरिया को उतार दिया। सुभाष महरिया क्षेत्र के दिग्गज नेता और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। वहीं दूसरी ओर डोटासरा थे। इस सीट पर वोटिंग में 2.08 प्रतिशत का इजाफा हो गया। वहीं दूसरी ओर राजेंद्र राठौड़ की सीट बदलने से उनकी आफत कम नहीं हुई बल्कि बढ़ गई। इस सीट पर उनका मुकाबला नरेंद्र बुढ़ानिया से हैं। शेखावटी की 21 सीटों पर फिलहाल कांटे की टक्कर है।

News24 Whatsapp Channel

मारवाड़ में टक्कर कांटे की, आरएलपी ने बढ़ाई चिंता

मारवाड़ में कांटे की टक्कर के बीच दोनों ही पार्टियां अपने-अपने दावे कर रही है। मारवाड़ में शामिल जोधपुर, जालोर, सिरोही, बाड़मेर और नागौर की 43 सीटों पर मामला फंस गया है। पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां की 16 सीटों पर जीत हासिल की थी वहीं कांग्रेस के पास 22 सीटें थीं। इस बार मुकाबला रोचक हो गया है। बाड़मेर-जैसलमेर की 9 में कुछ सीटोें पर इस बार भाजपा की वापसी हो सकती है। पोकरण में बंपर वोटिंग का फायदा भाजपा को मिलना तय माना जा रहा है।

वहीं शिव, गुढामालानी, बायतु और बाड़मेर सीट के परिणाम भी देखने वाले होंगे। हालांकि पाली, सिरोही में भाजपा हमेशा से एकतरफा जीत दर्ज करती रही है लेकिन जालोर की सबसे हाॅट सीट सांचौर में इस बार मुकाबला रोचक हो सकता है। वहीं नागौर में आरएलपी के आने से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है हालांकि मिर्धा परिवार के भाजपा में जाने से कांग्रेस की कई सीटें भाजपा के पास जा सकती है। उधर जोधपुर में भी भाजपा ने कई सीटों पर टिकट रिपीट किए। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यहां कांग्रेस कितनी सीटें हासिल कर पाती है।

यह भी पढ़ेंः Rajasthan Election 2023: राजस्थान में 74.96% वोटिंग, 2018 का रिकाॅर्ड टूटा

मेवाड़-वागड़ में क्षेत्रीय पार्टियां बनी चुनौती

मेवाड़ वागड़ में इस बार मुकाबला काफी रोचक रहने वाला है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर में क्षेत्रीय पार्टियों बीएपी-बीटीपी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है तो वहीं उदयपुर में गुलाबचंद कटारिया की अनुपस्थिति से भाजपा चिंतित तो कांग्रेस फायदे में दिख रही है। हालांकि कन्हैयालाल कांड ने काफी हद तक भरपाई करने की कोशिश की है। वहीं राजसमंद की नाथद्वारा सीट सबसे रोचक बनी हुई है। यहां मतदान में 1.76 फीसदी की बढ़ोतरी से मुकाबला रोचक हो गया है हालांकि मेवाड़ राजपरिवार की उपस्थिति से सीपी जोशी की सांसे ऊपर-नीचे हो रही है। वहीं हाड़ौती क्षेत्र में वसुंधरा राजे के दबदबे के बीच कांग्रेस के शांति धारीवाल, प्रमोद जैन भाया चुनौती बन सकते हैं। हालांकि 17 में 13 सीटों पर इस बार भाजपा क्लीन स्वीप कर सकती है।

मेरवाड़ा में हमेशा की तरह भाजपा मजबूत

वहीं भीलवाड़ा-अजमेर में हमेशा की तरह भाजपा यहां बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि कुछ सीटों पर बागी खेल बिगाड़ सकते हैं। शाहपुरा से कैलाश मेघवाल के बागी होने से उपेन यादव चिंतित हैं। वहीं अजमेर में किशनगढ़ से भाजपा के बागी विकास चौधरी भागीरथ चौधरी का खेल बिगाड़ सकते हैं। वहीं टोंक में सचिन पायलट की मौजूदगी से कांग्रेस भारी पड़ती दिख रही है लेकिन भाजपा की कम नहीं। यहां भाजपा ने गुर्जरों को अपने पक्ष में करने के लिए विजय बैंसला को मैदान में उतारा है।

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 26, 2023 08:36 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें