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आसान नहीं राजस्थान में गहलोत-पायलट के लिए ‘सत्ता’ की डगर, कांग्रेस के रास्ते में हैं 9 चुनौतियां

Rajasthan assembly elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि वह सत्ता में लौटेगी। वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रार किसी से छिपी नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि आलाकमान से हस्तक्षेप के बाद अब दोनों […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 29, 2023 13:05
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Rajasthan assembly elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि वह सत्ता में लौटेगी। वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रार किसी से छिपी नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि आलाकमान से हस्तक्षेप के बाद अब दोनों में समझौता हो चुका है। लेकिन अगर ये सब सिरे चढ़ा, तब भी कांग्रेस के लिए वहां चुनौतियां कम नहीं हैं।

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…आइए जानते हैं कांग्रेस के लिए कौन से मुद्दे चुनौतियां बन सकते हैं

  1. इस साल होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। राजस्थान का इतिहास रहा है कि कभी यहां सरकार रिपीट नहीं हुई। अगर कांग्रेस जीती, तो 30 साल की परंपरा टूट जाएगी। गहलोत के खिलाफ बगावत हो चुकी है। लेकिन अब सचिन पायलट के साथ रिश्तों में कुछ सुधार बताया जा रहा है। आलाकमान ने मशक्कत के बाद कई बार दोनों में सुलह करवाई है।
  2. खेमेबंदी का मामला कोर्ट तक जा चुका है। इसलिए क्या वाकई कांग्रेसी एकजुट होकर लड़ेंगे या खेमों में बंटकर अपनों के लिए ही लड़ाई को कमजोर करेंगे। ये भी देखने वाली बात होगी। 5 साल में बगावत के कई मामले यहां पर सामने आ चुके हैं।
  3. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत को साथ बैठाकर कॉम्प्रोमाइज करवाया था। जिसके बाद माना जा रहा है कि दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ने को सहमत हैं। दोनों गिले-शिकवे भुला चुके हैं। अब कोई बयानबाजी भी एक दूसरे के खिलाफ नहीं कर रहे हैं। राजस्थान को लेकर जो सर्वे सामने आया है। उसमें बीजेपी के साथ उसकी कड़ी टक्कर दिख रही है। एक सर्वे के हिसाब से कांग्रेस को 97-105 और बीजेपी को 89-97 सीटें मिल सकती हैं। एक अन्य सर्वे में भाजपा आगे बताई गई है।
  4. कांग्रेस के खिलाफ हिंदुत्व विरोधी आरोप बीजेपी लगा रही है। जिसके कारण कांग्रेस बैकफुट पर है। लेकिन अभी पार्टी रणनीति बदल रही है। जिसके बाद हिंदू तीर्थस्थलों पर जाना, मंदिरों में काम करना और धार्मिक तीर्थों के लिए योजनाएं चलाने का काम किया गया है।
  5. 26 सितंबर को भाजपा के परिवर्तन यात्रा में असम की सीएम पहुंचे। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राहुल गांधी और अशोक गहलोत कभी रामलला के दर्शन करने नहीं जाते हैं। क्योंकि उनका बाबर इससे नाराज हो सकता है। पता नहीं है कि बाबर और औरंगजेब के बीच क्या प्रेम था। सरमा ने कहा कि राजस्थान में हिंदुओं का वर्चस्व हजारों सालों से है। कांग्रेस से पूछकर कोई भी हिंदू नहीं बनने वाला है। हिंदू यहीं से बड़ा होकर विश्वगुरु बनेगा।
  6. कांग्रेस के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अपनी ही सरकार को महिला विरोधी बता चुके हैं। महिलाओं पर अत्याचार को लेकर उनका बयान भी कहीं न कहीं कांग्रेस के गले की फांस बन सकता है। वे लाल डायरी लेकर विधानसभा आए थे। कहा था कि कांग्रेस ने संकट के वक्त कितने विधायकों को खरीदा है, वह सब लेखा जोखा इसमें है। जिसके बाद कांग्रेस सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। विपक्ष भी इस मामले को लेकर सरकार पर प्रहार कर चुका है। पीएम ने भी इस लाल डायरी को लेकर कांग्रेस पर हल्ला बोला था।
  7. राजस्थान में लगातार 30 साल से कोई सरकार रिपीट नहीं हुई है। इस ट्रेंड को बदलना कांग्रेस के लिए चुनौती है। कांग्रेस को लोगों को बीजेपी की तुलना में यह विश्वास लोगों को दिलाना होगा कि वह बीजेपी से बेहतर क्यों है।
  8. 2022 की शुरुआत में पायलट ने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उनकी वसुंधरा राजे सिंधिया के समय के घोटालों की जांच करना मुख्य मांग थी। दो अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को रद्द कर नई व्यवस्था लागू करना, परीक्षा से वंचित छात्रों को मुआवजा देना सरकार ने मान ली थी। अब इसको लेकर भी यह दिखाना होगा कि प्रक्रिया कहां तक पहुंची है।
  9. राजस्थान में 19 नए जिले बनाए गए हैं। जिसके बाद वह देश में तीसरा सबसे अधिक जिलों वाला स्टेट बन गया है। माना जा रहा है कि इसका फायदा कांग्रेस को होगा। इसके अलावा देखने वाली बात होगी कि ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने की पहल, के साथ फ्री बिजली और दूसरी घोषणाओं का कांग्रेस को कितना लाभ मिलेगा। राजस्थान में 200 सीटें हैं। 101 सीट लेने वाला ही सरकार बना पाएगा।

First published on: Sep 29, 2023 12:11 PM
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