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Rajasthan Election 2023: सांचौर में त्रिकोणीय मुकाबला, दिग्गजों के सामने चुनौती बने बागी

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में सांचैर सीट भाजपा और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। दोनों ही पार्टियों से बागी चुनाव मैदान में हैं।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 21, 2023 14:56
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Rajasthan Assembly Election 2023
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की वोटिंग में अब केवल 4 दिन का समय शेष रह गया है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों केे कद्दावर नेता पूरे प्रदेश में रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। सोमवार को पीएम मोदी ने बीकानेर में रोड शो किया वहीं आज वे जयपुर में रोड शो करेंगे। इसके अलावा वे प्रदेश में आधा दर्जन रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुनराम मेघवाल, सीएम योगी आदित्यनाथ, असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा समेत कई बड़े नेता प्रदेश धुंआधार प्रचार करने में जुटे हैं।

उधर कांग्रेस ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। वह भी सत्ता में वापसी के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। ऐसे में पूरे देश की निगाहें अब राजस्थान पर टिकी हैं। बता दें कि प्रदेश में 25 नवंबर को मतदान होना है वहीं 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जांएगे। इस बीच राजस्थान की सांचौर सीट प्रदेश की सबसे हाॅट सीटों में से एक है। इस सीट पर भाजपा से जालौर-सिरोही के सांसद देवजी पटेल चुनाव मैदान में हैं। टिकट वितरण के बाद से दोनों ही पार्टियों के लिए यहां बागी बड़ी समस्या बने हुए हैं।

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कांग्रेस से ज्यादा भाजपा चिंतित

सांचौर सीट पर मुकाबले को एकतरफा बनाने के लिए भाजपा के स्टार प्रचारक और यूपी सीएम योगी आदित्यानाथ ने देवजी के समर्थन में सभा को संबोधित किया था। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से मंत्री सुखराम विश्नोई को प्रत्याशी बनाया है। विश्नोई 2013 और 2018 के चुनाव में यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं। कांग्रेस राज में जिला मुख्यालय बनी यह सीट कई मायनों में खास है। इस सीट से भाजपा से 2 बार पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी निर्दलीय मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस से पीसीसी सदस्य शमशेर अली सैयद बसपा से मैदान में हैं। ऐसे में यह तय हो चुका है कि जीत-हार का बड़ा अंतर नहीं रहेगा। इधर भाजपा केंद्र की योजनाओं और मोदी के नाम पर चुनाव मैदान में हैं। कुल मिलाकर यह सीट फंस चुकी है।

इस सीट को लेकर ना तो कांग्रेस आश्वस्त हैं और ना ही भाजपा। हालांकि विश्लेषकों की मानें तो शमशेर अली की तुलना में जीवाराम भाजपा को अधिक नुकसान पहुचाएंगे। ऐसे में यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। क्योंकि शमशेर एक नया चेहरा होने के साथ ही लोकप्रिय भी नहीं है। वहीं भाजपा के बागी जीवाराम तो इस सीट से 2 बार विधायक रह चुके हैं वहीं प्रभावी जाट वोट बैंक भी उनके साथ जा सकता है। कांग्रेस के जीतने की स्थिति में भाजपा इस सीट पर तीसरे नंबर पर रह सकती है।

कांग्रेस जन कल्याणकारी योजनाओं के दम पर भर रही हुंकार

उधर कांग्रेस प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं के दम पर लोगों से वोट मांग रही है। हालांकि सुखराम के लिए पार्टी के किसी बड़े नेता ने प्रचार तो नहीं किया है लेकिन नए जिले और योजनाओं के जरिए वे चुनाव के दंगल में उतरे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक इस सीट पर कुल 3 लाख 13 हजार 803 मतदाता है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 66 हजार 354 और महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 47 हजार 447 हैं। इस सीट के कुछ मतदाता प्रवासी भी है। ऐसे में अगर वे वोट डालने के लिए वापस आते हैं तो समीकरण बिगड़ सकते हैं।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 21, 2023 12:35 PM

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