Who is Mahesh Kumawat Parliament Security Breach: संसद सुरक्षा चूक मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब तक इस मामले में 7 आरोपी अरेस्ट हो चुके हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की जांच में जुटी है। वहीं सीआरपीएफ के डीजी इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। संसद में कनस्तर से धुआं छोड़ने से पूरा देश हैरान है। वहीं सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह सतर्क हो गई है। इस हमले को संसद हमले की 22वीं बरसी के मौके पर अंजाम दिया गया। सुरक्षा में लापरवाही के चलते 8 अफसरों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
इस बीच इस हमले का राजस्थान कनेक्शन भी सामने आया है। इस मामले के मास्टरमाइंड ललित झा को राजस्थान से भी मदद मिली। ताकि वह सबूतों को नष्ट कर सके। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने यह पहले से ही तय कर लिया था कि घटना को अंजाम देने के बाद सभी को गिरफ्तारियां देनी है। ऐसे में ललित झा भी इसलिए फरार हुआ ताकि वह घटना में शामिल सभी लोगों के मोबाइल फोन जलाकर नष्ट कर सके।
उसकी फरारी के लिए नागौर के कुचामन के रहने वाले महेश कुमावत ने उसे पूरी मदद की। बता दें कि ललित शुक्रवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ थाने में अपने सहयोगी महेश के साथ सरेंडर करने पहुंचा था।
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ललित-महेश एक साथ होटल में रुके
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उसने बताया कि घुसपैठ का वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर डाला ताकि वो कोलकाता स्थित एनजीओ के जरिये मीडिया में पहुंच सके। फरारी के बाद ललित की पहली लोकेशन अलवर के नीमराणा में मिली। ऐसे में पुलिस जब तक वहां पहुंची वो वहां से फरार हो चुका था। वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। इसके बाद वह महेश के घर कुचामन पहुंचा। यहां महेश अपने भाई कैलाश के साथ उससे मिला। इसके बाद महेश, कैलाश और ललित स्टेशन रोड स्थित होटल में रुके।
होटल में रात भर ठहरने के बाद ललित और महेश अगली सुबह वहां से निकल गए। वहीं पुलिस भी ललित के लोकशन का पीछा करते-करते कुचामन पहुंच गई वहां उसे महेश का भाई कैलाश मिला। अब तक की पूछताछ में यह सामने आया है कि महेश के भाई कैलाश इस मामले में शामिल नहीं है।
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जानिए कौन है महेश कुमावत
महेश कुमावत राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन का निवासी है। वह सोशल मीडिया के जरिये ललित के संपर्क में आया था। इसके बाद ललित और महेश गहरे दोस्त बन गए। दोनों भगत सिंह फैन क्लब से भी जुड़े थे। इसके बाद महेश ललित की हर पोस्ट को शेयर करता था। वह पूरी तरह से उसकी आइडियोलाॅजी को सपोर्ट करता था।
पुलिस द्वारा की गई जांच में यह सामने आया है कि अब तक अरेस्ट किए गए सभी आरोपी भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े थे। सभी इस मकसद के लिए डेढ़ साल पहले मैसूर में मिले थे। अब तक की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों का किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं था।