Jaipur News: राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत गुरुवार को राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पशुपालन विभाग के सचिव ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में न केवल युवा बल्कि महिलाएं भी स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष रूचि ले रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक परिस्थितियों एवं राज्य सरकार की पशुपालकों के लिए चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव से न केवल राजस्थान बल्कि देश के अन्य स्थानों से भी उद्यमी पशुपालन में अपनी रुचि दिखा रहे है।
लंबित आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही करे
शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने खाद्य भवन में गुरुवार को राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने उद्यमिता विकास कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी प्राप्त की ।
बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नए उद्यम स्थापित करने के लिए किये जा रहे आवेदनों की गहनता से जांच कर शीघ्र ही लंबित मामलों पर कार्यवाही की जाये। ताकि बेरोजगार आवेदक स्वरोजगार प्राप्त कर प्रदेश में उन्नत पशुधन में वृद्धि करने का कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में विकसित होते उद्यम से राज्य में पशुपालक सशक्त होने के साथ पशुपालन को एक नई दिशा देने का कार्य रहे हैं।
इस मौके पर उपनिदेशक बृजमोहन गोयल ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि पशुपालकों की ओर से बकरी पालन, भेड़ पालन के साथ मुर्गी पालन जैसे क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे है।
पूंजीगत लागत का 50 प्रतिशत मिल रहा अनुदान
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नए उद्यम स्थापित करने के लिए पूंजीगत लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा अनुदान के रूप में सिडबी द्वारा दो बराबर किश्तों में देय होगा। वही अनुदान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक है। यह अनुदान मुर्गीपालन, भेड़ बकरी पालन, शूकर पालन एवं चारा उद्यम स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है।