Jhunjhunu Man Dies After Alive on Pyre: झुंझुनूं में एक आश्चर्यजनक घटना ने दुनिया को हैरान कर दिया है। यहां एक शख्स चिता पर अचानक जिंदा हो गया, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। खास बात यह है कि इस शख्स को दो घंटे तक मोर्चरी में डीप फ्रीजर में भी रखा गया था। साथ ही डॉक्टर्स ने बिना पोस्टमार्टम किए ही उसकी रिपोर्ट बना दी थी। जब ये शख्स चिता पर जिंदा हुआ तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में इसे पहले बीडीके भर्ती किया गया, फिर जयपुर रेफर किया। जहां करीब 12 घंटे बाद उसकी आईसीयू में इलाज के दौरान मौत हो गई।
इमरजेंसी में डॉक्टरों ने मृत किया घोषित
जानकारी के अनुसार, इस शख्स का नाम रोहिताश था। उसकी उम्र 47 साल थी। रोहिताश मूक-बधिर था और बगड़ स्थित मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में रहता था। गुरुवार दोपहर को उसकी तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद उसे झुंझुनूं के सरकारी बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
राजस्थान के झुंझुनू जिले में BDK अस्पताल में डॉक्टर्स की घोर लापरवाही सामने आई है जिंदा व्यक्ति का ही कर दिया पोस्टमार्टम।
आप इस पर क्या कहेंगे।@BhajanlalBjp @8PMnoCM pic.twitter.com/0XGGXceBYn— Anjali Saini (@Anjalisaini_) November 22, 2024
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सामने आई डॉक्टर्स की लापरवाही
इस मामले में डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिंदा शख्स को मृत बताने, मोर्चरी भेजने, पंचनामा और झूठी रिपोर्ट बनाने के आरोप में जिला कलेक्टर ने तीन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। इनके नाम डॉ. योगेश जाखड़, डॉ. नवनीत मील और डॉ. संदीप पचार हैं।
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इस तरह की लापरवाही
बताया जा रहा है कि बीडीके अस्पताल में रोहिताश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. नवनीत ने बनाई थी। जबकि योगेश जाखड़ ने ही सबसे पहले मरीज को देखा था। उन्होंने ही रोहिताश को मृत घोषित किया। वहीं डॉ. संदीप पचार हॉस्पिटल के पीएमओ हैं। इन्होंने मामले को दबाकर रखा था। जिला कलेक्टर रामवतार मीणा का कहना है कि इतनी बड़ी घटना पर पीएमओ ने कोई जानकारी नहीं दी। देर रात को ही तीनों को सस्पेंड कर दिया गया।
बनाई गई डॉक्टरों की हाई लेवल कमेटी
इस मामले में अब चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बड़ा एक्शन लिया है। उनके निर्देश पर डॉक्टरों की हाई लेवल कमेटी बनाई गई है। इसमें जयपुर जोन के जेडी डॉ. नरोत्तम शर्मा, डॉ. हिम्मत सिंह, डॉ. धीरज वर्मा मामले की जांच कर अगले 7 दिन में रिपोर्ट देंगे।
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