Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर विधायकों की अलग बैठक बुलाया जाना ‘घोर अनुशासनहीनता’ है। इसके लिए मुख्य सचेतक महेश जोशी समेत तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से इन्हें ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिये गये। राजस्थान सरकार कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल एवं महेश जोशी तथा राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस जारी कर 10 दिनों के भीतर यह बताने को कहा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
इसके बाद राजस्थान कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी ने News24 से बातचीत करते हुए कहा कि, अब तक उन्हें नोटिस नहीं मिला, लेकिन यह भी सच है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है।
आगे महेश जोशी ने आरोप भी लगाया कि पार्टी के कुछ बड़े नेता कार्यकर्ताओं की भावनाओं को सही तरीके से आलाकमान तक नहीं पहुंचा पाते ,उसी के चलते इस तरह का संकट बन जाता है। महेश जोशी ने यह भी कहा कि अब भी वे और 92 विधायक इसी स्टैंड पर हैं कि 2 साल पहले आए राजनीतिक संकट के लिए जिम्मेदार किसी भी शख्स को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे त्यागपत्र देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए थे।
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