Rajasthan Assembly Election 2023 BJP Candidate List Vasundhara Raje: राजस्थान में चुनाव की रणभेरी बजने के 4 घंटे बाद भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पहली लिस्ट में भाजपा ने 7 वर्तमान सांसदों और 2 पूर्व सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है। कयास लगाए जा रहे थे भगवा पार्टी नवरात्रि में उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। लेकिन हमेशा की तरह चैंकाते हुए पार्टी ने चुनावी कार्यक्रम की घोषणा होते ही 41 उम्मीदवारों पहली सूची जारी कर दी। बता दें कि राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। पार्टी इन 41 में से 29 सीटों पर नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। पार्टी ने जिन 7 सासंदों को मैदान में उतारा है उसमें से 2 तो सीएम पद के दावेदार भी बताए जा रहे हैं।
वसुंधरा गुट की नहीं चली
पहली सूची में भाजपा ने वसुंधरा गुट के 2 नेताओं के टिकट काट दिए। टिकट बंटवारे में वसुंधरा की बिल्कुल नहीं चली। इससे पहले अमित शाह और जेपी नड्डा की अगुवाई में हुई मीटिंग में वसुंधरा को संकेत मिला था कि टिकट बंटवारे में उनकी राय को तवज्जो दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो वसुंधरा ने जिन नामों की सिफारिश की थी पार्टी ने उसे खारिज कर दिया। वहीं पहली लिस्ट में पूर्व सीएम का नाम भी गायब है। सियासी जानकारों की मानें तो इस लिस्ट में संघ को पूरी तरह से तवज्जो मिली है। भाजपा आलकमान ने प्रदेश नेतृत्व की सलाह को दरकिनार कर अपने सर्वे के आधार पर लिए गए निर्णयों को ज्यादा तवज्जो दी है।
वसुंधरा के धुर विरोधियों को मिला टिकट
जानकारों की मानें तो भाजपा ने पहली सूची में वसुंधरा के धुर विरोधी सांसदों को टिकट दिया है। सवाई माधोपुर सीट से भाजपा ने राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को मैदान में उतारा है। वहीं जयपुर की विद्याधर नगर सीट वर्तमान विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट काट दिया गया है। इनकी जगह वसुंधरा विरोधी राजसमंद की सांसद दीया कुमारी को टिकट मिला है। जिन 41 सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है उसमें से 19 सीटें अभी भाजपा के पास है। सियासी विश्लेषक बता रहे हैं वसुंधरा की आगे की राह आसान नहीं रहने वाली है।
इसके अलावा पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत और कालूलाल गुर्जर का भी टिकट पार्टी ने काट दिया है। वहीं बानसूर से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को भी टिकट नहीं मिला है। हालांकि पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने के चलते पार्टी ने उन्हे निष्कासित कर दिया था। फिलहाल उनकी पार्टी में वापसी हो गई है।
दूसरी सूची का इंतजार
सियासी जानकारों की मानें तो भाजपा आलाकमान एमपी की तर्ज पर दूसरी और तीसरी सूची में वसुंधरा समर्थकों को मैदान में उतार सकती है। एमपी में पार्टी ने सिंधिया समर्थकों को चौथी सूची टिकट दिया था। हो सकता है पार्टी वसुंधरा समर्थकों को आने वाली सूची में स्थान दे। सियासी हलकों की मानें तो वसुंधरा की अनदेखी पार्टी को भारी पड़ सकती है। वसुंधरा समर्थक नेता पार्टी में भीतरघात कर सकते हैं और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं। कुल मिलाकर पार्टी के लिए आगे कुंआ पीछे खाई वाली बात है। पार्टी पूरी तरह वसुंधरा गुट को नजर अंदाज कर टिकट नहीं दे सकती है।
अब समझे 7 सांसदों को टिकट देने के मायने
पार्टी के आंतरिक सर्वे में एक बात सामने आई थी कुछ विधायकों के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी है। इसी आधार पर पार्टी ने सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है ताकि विधायकों के प्रति जनता के गुस्से को कम किया जा सके। वहीं इस सूची से क्लियर हो गया है कि पार्टी की अन्य सूचियों में और भी सांसद देखें जा सकते हैं। जैसे अुर्जनराम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अश्विनी वैष्णव, सीपी जोशी को भी पार्टी चुनावी मैदान में उतार सकती है।
गुर्जरों को साधने के लिए विजय बैंसला को उतारा
कांग्रेस में सचिन पायलट की अनदेखी का फायदा भाजपा उठाना चाहती है। गुर्जर समुदाय पायलट की ताजपोशी नहीं होने के कारण गुस्से में है। ऐसे में पार्टी ने गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी और पार्टी ने जयपुर संभाग में मीणा वोटबैंक को देखते हुए किरोड़ीलाल मीणा को उतारा है।