---विज्ञापन---

‘क्या खालिस्तानी अमृतपाल मानेगा भारत का संविधान?’ उम्मीदवारी पर शिअद नेता ने उठाए सवाल

Punjab Lok Sabha Election 2024: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की मां ने ऐलान किया था कि उनका बेटा लोकसभा चुनाव लड़ेगा। लेकिन अब उम्मीदवारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मामले में शिअद नेता सामने आए हैं। उन्होंने दावा किया है कि अमृतपाल ने पहले उनकी सपोर्ट का वादा किया था। लेकिन अब खुद लड़ने के ऐलान कर दिया।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 29, 2024 11:47
Share :
Amritpal singh
अमृतपाल सिंह।

SAD candidate Virsa Singh Valtoha: असम जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की मां ने ऐलान किया था कि बेटा खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ेगा। लेकिन अब उम्मीदवारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अकाली दल के खडूर साहिब लोकसभा सीट से उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा ने उसकी दावेदारी को लेकर पूछा है कि क्या अब वो भारतीय संविधान को मानेगा? लोकसभा चुनाव को लेकर पंजाब में माहौल अब धीरे-धीरे गर्म होने लगा है। चुनाव में अब खालिस्तानी रंग भी भरने लगा है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की मां ने बेटे के लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करके सभी को हैरान कर दिया है। जिसके कारण सोशल मीडिया पर अब अमृतपाल की चर्चा होने लगी है।

---विज्ञापन---

वहीं, अकाली दल पर दवाब बनाया जाने लगा है कि वो अमृतपाल के समर्थन का ऐलान करे। इससे पहले अकाली दल ने बयान जारी किया था कि वह जल्द खडूर साहिब से अपने उमीदवार का ऐलान कर देगा। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने बिना देरी किए उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा को घोषित कर दिया। खडूर साहिब लोकसभा सीट पंथक मानी जाती है। यहां पर धर्मिक डेरों का काफी ज्यादा असर रहता है। 2019 में इस सीट को कांग्रेस के जसबीर सिंह डिंपा ने जीता था।

यह भी पढ़ें: ‘राघव चड्ढा की तुलना विजय माल्या से…AAP को बदनाम कर रहा YouTube चैनल’; पंजाब पुलिस ने दर्ज की FIR

अबकी बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है। इस सीट में सुल्तानपुर लोधी, जीरा, जंडियाला, बाबा बकाला, कपूरथला, तरनतारन, खेमकरण, पट्टी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिस तरह से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को आजाद उमीदवार बनाए जाने की घोषणा उसकी माता ने की है। उसके बाद शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ जो वायदे अमृतपाल के परिवार ने किए थे, उनको अब पूरा करे। उनको कहा गया था कि यदि वो चुनाव लड़ते हैं, तो अमृतपाल सिंह नहीं लड़ेगा। अब परिवार फैसला करे।

क्या अब पंजाब के दर्द पर हो गया है फोकस?

वल्टोहा ने कहा कि कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं। जिस भारतीय संविधान को लेकर अमृतपाल बड़े-बड़े ऐलान कर रहा था, क्या अब वो भारत के संविधान को मानेगा? क्या उसने अब खालिस्तान की जगह पर पंजाब के दर्द को अपना लिया है? इसका मतलब है अब अमृतपाल का फोकस पंजाब के दर्द पर केंद्रित हो गया है। पहले वह इंडियन पासपोर्ट को सिर्फ ट्रैवल डॉक्यूमेंट कहता था। अब क्या वो इंडियन पासपोर्ट का समर्थन करेगा? वहीं, शिरोमणि अकाली दल का एजेंडा साफ है कि वो पंजाब की भाईचारक सांझ के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा। किसी को भी पंजाब के भाईचारे में दरार डालने की इजाजत नहीं देगा।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Apr 29, 2024 11:47 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें