Manoj Jarange Get Emotional: मराठा आरक्षण को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे की मांगें आखिरकार महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्वीकार कर ली गई हैं। मनोज जरांगे 26 जनवरी को नवी मुंबई के वाशी में मराठा समुदाय के हजारों लोगों के साथ भूख हड़ताल पर गए थे। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में सरकार द्वारा मांगों को स्वीकार करने के बाद मनोज जरांगे ने अपना यह अनशन खत्म किया। इस दौरान उन्होंने नम आंखों के साथ कहा कि महीनों के संघर्ष के बाद अब उनका सपना साकार हुआ है।
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde and Maratha quota activist Manoj Jarange Patil together garland the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Navi Mumbai
---विज्ञापन---Patil is ending his fast today after the state government accepted the demands. pic.twitter.com/CxI3FPez0Z
— ANI (@ANI) January 27, 2024
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संघर्ष हुआ सपना साकार
राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण मांग मंजूर होने पर मनोज जरांगे ने खुशी जाहिर की। इस दौरान मनोज जरांगे काफी भावुक दिखे, उन्होंने नम आंखों के साथ कहा कि वह लोग पिछले 4 महीने से मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे थे। मराठा आरक्षण के लिए करीब 350 युवाओं ने आत्महत्या की है, आज उनका सपना साकार हुआ है।
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सीएम शिंदे का आभार
उन्होंने मांगे मंजूर करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी धन्यवाद किया और कहा कि जिसका अभिलेख मिला है, उनके सभी के परिवार को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस अध्यादेश को निकालने के लिए मैं सीएम एकनाथ शिंदे का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि मराठा समाज उनका मां-बाप है, उन्होंने उनसे वादा किया था कि वो उनके संघर्ष बेकार नहीं जाने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार उनका संघर्ष साकार हुआ, अब सुविधा ओबीसी को मिलती है, वहीं आरक्षण मराठा समाज के लोगों को भी दिया जाएगा।
अंतरवाली सराटी में बैठक
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अध्यादेश टिकाने और इसे लागू करने की जिम्मेदारी सरकार की है। अंतरवाली सराटी में बैठक होगी, जिसके बाद उसकी दिशा तय की जाएगी। अगर अध्यादेश पर किसी भी प्रकार का धोखा हुआ तो मैं फिर से आजाद मैदान में आ जाऊंगा।