श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में नामीबिया से कूनो पालपुर अभ्यारण्य में लाए गए 8 चीतों की क्वारंटीन अवधि समाप्त हो चुकी है। चीतों को अब अभ्यारण्य में छोड़ने की शुरूआत हो चुकी है। प्रथम चरण में 2 चीतों को शनिवार की शाम कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया गया, अन्य 6 को भी अगले कुछ दिनों में क्वारंटीन बाड़े से आजादी मिल जाएगी।
पीएम मोदी ने जताई खुशी
वन विभाग के इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ‘अच्छी खबर है! मुझे बताया गया है कि अनिवार्य क्वारंटीन के बाद, 2 चीतों को कुनो निवास स्थान में और अनुकूलन के लिए एक बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। अन्य को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह जानकर भी खुशी हुई कि सभी चीते स्वस्थ और सक्रिय हैं, कूनो नेशनल पार्क की जलवायु के साथ अच्छी तरह से तालमेल बिठा रहे हैं। ’इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो भी शेयर किया है।
Great news! Am told that after the mandatory quarantine, 2 cheetahs have been released to a bigger enclosure for further adaptation to the Kuno habitat. Others will be released soon. I’m also glad to know that all cheetahs are healthy, active and adjusting well. 🐆 pic.twitter.com/UeAGcs8YmJ
---विज्ञापन---— Narendra Modi (@narendramodi) November 6, 2022
गौतरलब है कि भारत में ‘प्रोजेक्ट चीता’के तहत 8 नामीबियाई चीतों को पीएम मोदी के जन्मदिन के दिन कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। खुद प्रधानमंत्री ने इन्हें बाड़े में छोड़ा था। अब दो चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है, जो और बड़े एरिया में आसानी से घूम फिर पाएंगे। ये चीते 80 दिन बाद अब शिकार कर सकेंगे।
एक तेंदुए से बताया जा रहा है खतरा
दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बड़े बाड़े में एक खूंखार तेंदुए से खतरा बताया जा रहा है। चीतों की जिस बड़े बाड़े में शिफ्टिंग हो रही है, उसमें एक तेंदुआ है। उसे पकड़ने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं। नतीजा- 30 दिन में बड़े बाड़े में शिफ्टिंग का प्लान अटक गया। हालांकि दो चीते छोड़ दिए गए हैं।
वन मंत्री जताया विरोध
प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि, ‘अफसरों ने जल्दबाजी में और मनमाने ढंग से यह फैसला किया है। इससे चीतों की जान खतरे में पड़ सकती है। वहां मौजूद तेंदुओं से टकराव की आशंका है, ऐसे में अगर कोई समस्या आती है तो इसके जिम्मेदार अधिकारी होंगे।