MP Politics: मध्य प्रदेश में कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए कई स्तर पर रणनीति बना रही है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी मुश्किल बीजेपी का गढ़ बन चुकी शहरी सीटें हैं। प्रदेश के चार बड़े महानगरों में कुल 30 सीटें हैं इसमें से अधिकतर सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, अब बीजेपी के इसी अभेद किले को ध्वस्त करने के लिए कांग्रेस ने प्लान तैयार किया है।
बड़े शहरों में बड़े नेताओं की संभाएं
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने शहरी सीटों पर विजय हासिल करने के लिए एक प्लान तैयार किया है, जिसके तहत कांग्रेस प्रदेश के चार महानगरों में बड़े नेताओं की जनसभा करवाई जाएगी। जबलपुर में प्रियंका गांधी का दौरा हो चुका है और आने वाले जुलाई महीने में प्रियंका गांधी फिर एमपी आएंगी और इस बार ग्वालियर में जनसभा को संबोधित करेंगी। प्रियंका ने दौरे को लेकर हरी झंड़ी दे दी है, बस तारीख तय होनी बाकी है। बताया जा रही है विधानसभा के मानसून सत्र के बाद प्रियंका गांधी का दौरा होगा। इसके अलावा राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे भी दौरा करेंगे
ऐसा है शहरी सीटों का वर्तमान समीकरण
मध्य प्रदेश में चार बड़े शहर हैं जिनमें राजधानी भोपाल सहित इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर शामिल है। चारों शहरों में विधानसभा की कुल तीस सीटें हैं, इसमें से 16 सीटें बीजेपी के पास है। जबकि बाकि की सीटें कांग्रेस के पास हैं।
शहरी इलाकों की अधिकतर सीटें बीजेपी का गढ़
- भोपाल में 7 में से 4 सीट बीजेपी के पास
- इंदौर में 9 सीटों में 6 बीजेपी के खाते में
- जबलपुर में 8 में से 4 सीटें पर बीजेपी का कब्जा
- ग्वालियर में 6 में से 2 सीटें बीजेपी के पास
बीजेपी को पिछले चुनाव में महानगरों की जिन 16 सीटें पर जीती मिली थी उसमें से 11 सीटों पर पार्टी की मजबूत पकड़ बताई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस अब इसी गढ़ में सेंध लगाना चाहती है। जिसके लिए कांग्रेस अपने बड़े नेताओं को उतारेगी।
बीजेपी का किला बन चुकी 11 सीटें
कांग्रेस बीजेपी के इसी गढ़ को ध्वस्त करने के लिए प्लान बना रही है कांग्रेस को उम्मीद है की 11 सीटें जो बीजेपी का मजबूत किला बन चुकी है उसमें से 5 पांच सीटें जीती जा सकती है। इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों पर दौरा भी कर चुके हैं, उनकी रिपोर्ट में ये दांवा किया गया है की 66 में से कांग्रेस 20 से 25 सीटें जीत सकती है। बस रणनीति सही होनी चाहिए।
शहरी सीटें जो बनी बीजेपी का गढ़
- जबलपुर जिले की जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा पर लंबे समय से बीजेपी का कब्जा है।
- भोपाल की नरेला, बैरसिया, हुजूर, गोविंदपुरा बीजेपी का अभेद किला बन चुकी हैं।
- इंदौर जिले की इंदौर-2, इंदौर-4, इंदौर-5 और महू सीट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ है।
टेबल पर वर्क कर रही कांग्रेस
कांग्रेस इस बार पिछले चुनाव की तुलना में जमीन के साथ-साथ टेबल वर्क भी कर रही है, कांग्रेस उन नेताओं को भी साध रही है जो बीजेपी से नाराज है और कांग्रेस में आने से पार्टी को फायदा मिल सकता है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है की कांग्रेस के बड़े नेताओं के दौरे से कांग्रेस को कितना सियासी फायदा मिल पाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।