MP Politics: मध्य प्रदेश में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। फिलहाल तो बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी एमपी की सियासत के केंद्र में बने हुए है। क्योंकि इस बात की चर्चा तेज हैं कि 6 मई को दीपक जोशी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, ऐसे में बीजेपी लगातार उन्हे मनाने में जुटी है।
नरेंद्र सिंह तोमर कर सकते हैं बातचीत
ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जब दीपक जोशी को लेकर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ‘अभी किसी भी मामले पर टिप्पणी करना उपयुक्त नहीं है, सभी लोग एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं, जब भी चुनाव का समय आता है तो कई बार इस प्रकार की परिस्थितियां पैदा होती है। तोमर ने कहा कि मैं भी उनसे (दीपक जोशी) से बात करूंगा’
रघुनंदन शर्मा ने भी की मनाने की कोशिश
इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने भी दीपक जोशी को मनाने की कोशिश की है। रघुनंदन शर्मा ने दीपक जोशी से मुलाकात की थी। लेकिन बताया जा रहा है कि वह मानने को तैयार नहीं है। रघुनंदन शर्मा का कहना है कि दीपक जोशी उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की समाधि को लेकर व्यथित हैं, उनका कहना है कि पिताजी की समाधि धूल खा रही है, पार्टी में अब मान सम्मान नहीं रहा है। मेरे कार्यकर्ताओं की पूछ परख नहीं हो रही। इसलिए दीपक नहीं मान रहे, लेकिन उन्हें मनाने का प्रयास जारी रहेगा।
पार्टी की विचारधारा का दिया हवाला
रघुनंदन शर्मा ने कहा कि दीपक जोशी को पार्टी की विचारधारा का हवाला भी दिया गया, लेकिन लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत मान-सम्मान की बात कही, क्योंकि उन्होंने 6 महीने पहले ही मन बना लिया था, दो महीने पहले भी आवेश में आए थे, लेकिन मैंने ही उन्हें रोका था। इस बार भी उन्हें मनाने की कोशिश जारी है।
बताया जा रहा है कि दीपक जोशी 6 मई तक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, ऐसे में अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो यह चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में बड़ा सियासी उलटफेर होगा। क्योंकि दीपक जोशी कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं, वह खुद भी तीन बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं, जबकि उनके पिता स्वर्गीय कैलाश जोशी जनसंघ और बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं। वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।