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मध्य प्रदेश में अब आधार कार्ड से लिंक होगी प्रॉपर्टी, मोहन सरकार ने भोपाल से की शुरुआत

Madhya Pradesh Aadhar Card Linking Process: मध्‍य प्रदेश का राजस्‍व विभाग अब जमीन के खसरे को आधार कार्ड से लिंक कर रहा है। राजधानी भोपाल जिले से इस अभियान की शुरुआत भी हो गई है। अभी ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर जोर दिया जा रहा है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jul 25, 2024 15:14
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Madhya Pradesh Aadhar Card Linking Process: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव प्रदेश को हर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हाल ही प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (PVTG) के विकास के लिए विशेष प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। इन पीवीटीजी परिवारों को केन्द्र व राज्य सरकार की सभी हितग्राहीमूलक व विकासमूलक योजनाओं और स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सीधा लाभ देकर इनके स्थाई रोजगार की व्यवस्था भी की जा रही है। जिले में प्लाट, जमीन के खसरे आधार से लिंक कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक ग्रामीण क्षेत्र के 10% किसानों ने खसरे को आधार से लिंक करा लिया है। जबकि शहरी क्षेत्र में लिंकिंग का काम नहीं हो रहा है।

प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा, भारिया एवं सहरिया) की लगभग 11 लाख 85 हजार 374 आबादी निवास करती है। इस आबादी में सभी के आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनाने के साथ-साथ सबके जन-धन बैंक खाते भी खोले जा रहे हैं। साथ ही इन सभी के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के अलावा इस जनजाति समूह के पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ भी दिया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में समीक्षा की गई। जिसमें पाया गया कि जून 2024 तक लक्षित आबादी के 11 लाख 74 हजार 648 व्यक्यिों के आधार कार्ड, 10 लाख 30 हजार 190 व्यक्तियों के जाति प्रमाण-पत्र, 6 लाख 25 हजार 999 आयुष्मान भारत कार्ड, 5 लाख 46 हजार 484 व्यक्तियों के जन-धन बैंक खाते एवं 2 लाख 97 हजार 421 राशन कार्ड भी बना दिये गये हैं। इसके अलावा लक्षित समूह के 86 हजार 665 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देकर 64 हजार 100 किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड भी बना दिए गए हैं। योजना के अमल करने में भागीदारी करते हुए नोडल विभाग (Tribal Affairs) द्वारा पीवीटीजी बाहुल्य 19 जिलों में करीब 147.65 लाख रूपये की लागत से 198 जन-धन विकास केन्द्रों (वीडीवीकेएस) की स्थापना की जायेगी। इसके अलावा 17 जिलों में लगभग 7500 लाख रूपये व्यय कर 284 बहुउद्देशीय केन्द्रों की स्थापना भी जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ही की जाएगी।

पीएम जन-मन के अन्तर्गत मध्य प्रदेश के चिन्हित 24 जिलों में निवासरत बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की 11 लाख 85 हजार 374 आबादी को विभिन्न प्रकार की सहायता व रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण देकर इन्हें विकास की नई राह से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार के 9 मंत्रालयों की 11 चिन्हित इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट गतिविधियों के 7 हितग्राहीमूलक योजनाओं के घर पहुंच लाभ पर केन्द्रित इस महा अभियान के तहत मध्यप्रदेश में करीब 7 हजार 300 करोड़ रूपये व्यय कर इन 3 विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र कल्याण के लिए ठोस प्रयास तेजी से किये जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश के 11 जिलों डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, जबलपुर, कटनी, मैहर, सीधी एवं सिंगरौली में 2 हजार 569 ग्रामों एवं बसाहटों में करीब 4 लाख 53 हजार 320 बैगा, 10 जिलों श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, मुरैना, दतिया, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन एवं भिण्ड में 2 हजार 617 ग्रामों एवं बसाहटों में 6 लाख 86 हजार 986 सहरिया तथा 3 जिलों छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर एवं सिवनी में 315 ग्रामों एवं बसाहटों में 45 हजार 68 भारिया जनजातीय बंधु निवास करते हैं। योजना के तहत इन सभी को आधुनिक विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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First published on: Jul 25, 2024 03:14 PM

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