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MP में इस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगी मोहन सरकार, राज्य के विकास में आएगी तेजी

Geospatial Technology In MP: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में कहा, स्वदेशी सेटेलाइट्स के उपयोग को बढ़ावा देने से डेवलपमेंट प्रोसेस में प्रोत्साहन मिलेगा।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 23, 2024 18:13
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Geospatial Technology In MP: प्रदेश के लगातार विकास कार्यों में एमपी सरकार जुटी हुई है। इसी के तहत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य में जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं के क्षमता संवर्धन के लिए एक सेमिनार का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग विकास की प्रक्रिया को गति देने और प्रदेशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। राज्य में हर स्तर पर इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में आयोजित इस सेमिनार में कहा कि स्वदेशी सेटेलाइट्स के बहुआयामी उपयोग को बढ़ावा देने से विकास प्रक्रिया में स्थानीय सहभागिता को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी तकनीकों का सही अमल करते हुए प्रदेश में विकास की गति को बढ़ाया जाएगा। इस सेमिनार का आयोजन राज्य शासन, इसरो, राष्ट्रीय महिला आयोग, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और अर्थसाइट फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

महिलाओं की प्रगति के लिए प्रधानमंत्री का खास योगदान

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं को उन्नति के अवसर उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज महिलाएं न केवल सार्वजनिक जीवन में बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में खगोल शास्त्र का विशेष स्थान है और हमारी पंचांग पद्धति की सटीकता भारतीय खगोल शास्त्र की विश्वसनीयता को दिखाती है।

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जियो स्पेशियल तकनीक का फायदा

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने कहा कि जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी से जनप्रतिनिधियों के लिए विकास गतिविधियों के संबंध में निर्णय लेना सुगम हो जाएगा। रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने इस तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इससे योजना को अमल करने और निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।

स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़ेगी हर गतिविधि

सेमिनार में बताया गया कि स्पेस टेक्नोलॉजी तेजी से जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है। इसके उपयोग से डेली लाइफ के साथ-साथ कृषि, वन, मत्स्य, जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में भी पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी। इस सेमिनार का उद्देश्य महिलाओं को इस तकनीक में दक्ष बनाना और उन्हें विकास योजनाओं में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने के लिए सशक्त करना है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Aug 23, 2024 06:13 PM

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