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Madhya Pradesh BJP ने कांग्रेस से पहले क्यों जारी की प्रत्याशियों की लिस्ट, क्या हैं हाईकमान की जल्दबाजी के मायने?

Madhya Pradesh BJP First Candidate List Release (विपिन श्रीवास्तव): मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को भाजपा हाईकमान ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। यह पहली बार है जब भाजपा ने चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले उम्मीदवार फाइनल किए हैं। यह सीट कांग्रेस के कब्जेवाली सीटें हैं। इनमें […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 17, 2023 19:49
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023

Madhya Pradesh BJP First Candidate List Release (विपिन श्रीवास्तव): मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को भाजपा हाईकमान ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। यह पहली बार है जब भाजपा ने चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले उम्मीदवार फाइनल किए हैं। यह सीट कांग्रेस के कब्जेवाली सीटें हैं। इनमें 14 ऐसे चेहरे हैं, जो 2018 के विधानसभा चुनाव में हारे थे। इन्हें फिर से मौका मिला है। 12 नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया गया है।

दलित-आदिवासी वोट बैंक के इर्द-गिर्द चुनावी बिसात

भाजपा का मुख्य फोकस 16 फीसदी दलित और आदिवासी रिजर्व सीटों पर है। हाल ही में खुद पीएम मोदी ने सागर में 100 करोड़ की लागत से बन रहे दलित समुदाय के संत रविदास मंदिर की आधारशिला रखी तो अब 35 एससी सीटों पर दौरा करने दिग्विजय ने बैरसिया से की शुरुआत कर पहले दिन 11 किमी की नंगे पैर पदयात्रा की।

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वहीं, एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने दलित रिजर्व सीट बैरसिया से पैदल घूमकर सभी 35 SC रिजर्व सीटों पर यात्रा शुरू कर दलितों को कांग्रेस के साथ जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। दिग्विजय सिंह ने हाल ही में कांग्रेस की हारी हुई 66 सीटों पर यात्रा की है। 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने 142 दिन नर्मदा किनारे तकरीबन 3,300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा की थी। जिसके नतीजे में कांग्रेस को जीत मिली थी।

2018 में ऐसे थे चुनावी नतीजे

मध्य प्रदेश में 2018 के चुनाव में इन 39 सीटों में से 38 पर कांग्रेस और 1 सीट पर बीजेपी जीती थी। 39 में से 8 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। जबकि 13 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं। मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें में 35 SC रिजर्व तो 47 ST रिजर्व सीटें हैं।

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नरोत्तम मिश्रा बोले- कुछ भी कर लें दिग्विजय, सूपड़ा होगा साफ

दिग्विजय सिंह के दलित सीटों पर यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह कहीं भी दौरा कर लें। वो खुद कह चुके हैं कि जहां-जहां वो जाते हैं। वोट कट जाते हैं। इसलिए वो हर जगह जाएं, परिणाम देख लेना सूपड़ा साफ हो जाएगा

जिसके साथ दलित, उसकी बल्ले-बल्ले

डेढ़ दशक पहले दलित वोटर्स मूल रूप से कांग्रेस का माना जाता था। लेकिन धीरे-धीरे यह वोटर शिफ्ट होता गया और इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा।
मध्य प्रदेश में दलित समुदाय एमपी की 230 में से ग्वालियर चंबल बुंदेलखंड समेत विंध्य की तकरीबन 80 सीटों पर प्रभाव डालता है।

एमपी में अनुसूचित जाति की आबादी 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा है। अनुसूचित जाति वर्ग के 60 लाख से ज्यादा वोटर हैं। प्रदेश की कुल जनसंख्या में 16 फ़ीसदी दलित हैं। विधानसभा की 230 सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें आरक्षित हैं। एमपी में अब इन 35 में से 21 सीटें भाजपा के पास और कांग्रेस के पास 14 सीटें हैं।

बीजेपी ने सबसे पहले उतारे 11 उम्मीदवार

बसपा ने सबसे पहले 11 अगस्त को एमपी में 7 उम्मीदवारों की सूची जारी कर अपनी अमाद दे दी। क्योंकि मध्य प्रदेश में बसपा, BJP और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ने में सक्षम है। 5 प्रतिशत वोट बैंक के साथ BSP ही एमपी में तीसरे नंबर की पार्टी है। मौजूदा विधानसभा में BSP के 2 विधायक हैं। पथरिया से रामबाई और भिंड से संजीव सिंह हालांकि, संजीव सिंह अब बीजेपी के साथ हैं।

यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में चुनावी तारीख से पहले बीजेपी के उम्मीदवार तय, देखें MP-CG की पहली लिस्ट

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Aug 17, 2023 07:45 PM

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