मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर ने कहा है कि हम आज भी अपने भूमिका पर कायम हैं। हम अपना चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग से मांगेंगे। हमे पूरा विश्वास है बहुमत के आधार पर वो हमें मिलेगा।
उन्होंने कहा कि उद्धव गुट लगातार चुनाव आयोग से टाइम मांग रहा था। समय पर दस्तावेज नहीं जमा कराया। इसके लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यह सहानुभति के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है कि उद्धव गुट चुनाव आयोग के सामने नया नाम और पार्टी सिंबल सुझाया है। हमने ऐसा नही किया है।
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Maharashtra| They (Uddhav faction) haven't done anything in past 2.5 yrs. People wouldn't vote for them, thus they're seeking sympathy. ECI is constitutional authority, we should keep its respect, not insult them over Twitter: Min Deepak Kesarkar, Shinde faction of Shiv Sena pic.twitter.com/SmqsXM5Ww5
— ANI (@ANI) October 9, 2022
केसरकर ने कहा कि हम अब भी अपने दावे पर कायम हैं, हमारा निशान धनुष बाण है क्योंकि वो बालासाहेब ठाकरे की निशानी है। शिवसैनिकों को भड़काने का काम चल रहा है। आदित्य ठाकरे रोज सुबह उठकर खोका-खोका ट्वीट करते हैं, हमारा घर खोके पर नहीं चलता है, जिन्हें खोके की आदत है वो खोका-खोका करते हैं।
दीपक केसरकर ने दावा किया कि ठाकरे गुट की प्लानिंग थी, इसलिए चुनाव आयोग से बार-बार समय मांग रहे थे। उद्धव को पहले से ही मालूम था कि चुनाव चिन्ह फ्रीज़ होगा। यह सब उनकी सोची समझी साजिश थी, ताकि सहानुभूति मिल सके, इसलिए तुरंत चुनाव आयोग से नए चुनाव चिन्ह का सुझाव दे दिया है।
धनुष बाण हमें मिले: दीपक केसरकर
नियम के मुताबिक हमें नए चुनाव चिन्ह का सुझाव चुनाव आयोग को देना होगा। लेकिन हमारी कोशिश है कि धनुष बाण हमें मिल जाए। उद्धव ने नए चुनाव चिन्ह के लिए विधायकों से पूछा तक नहीं। सीएम शिंदे शाम को बैठक बुलाई है, सबसे चर्चा कर नए चुनाव चिन्ह पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि अंधेरी उपचुनाव में चुनाव कौन लड़ेगा, नहीं लड़ेगा, इसपर निर्णय एकनाथ शिंदे लेंगे।
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बता दें कि चुनाव आयोग ने आगामी अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों को पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
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