Rajasthan Political Crisis LIVE: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच जोधपुर में सचिन पायलट के समर्थन वाले पोस्टर लगे हैं। पायलट के समर्थन वाले पोस्टर में उनकी तस्वीर लगी है और लिखा गया है कि सत्यमेव जयते, नये युग की तैयारी। बता दें कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र है।
Rajasthan | Hoardings featuring Congress MLA Sachin Pilot with the text "Satyamev Jayate, Naye Yug ki Taiyari" put up at various places in Jodhpur#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/Rbwhj2aSHm
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) September 26, 2022
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में रविवार रात को 82 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। विधायकों के इस्तीफा देने के बाद राजस्थान में राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया है। इस्तीफा देने वाले विधायक जुलाई 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वालों में शामिल सचिन पायलट का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि अटकलें हैं कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं तो सचिन पायलट नए मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालेंगे। इस बीच, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को संकट के समाधान के लिए विधायकों के साथ आमने-सामने बातचीत करने का निर्देश दिया है।
सचिन पायलट पार्टी के वफादार सिपाही हैं: बैरवा
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि एक बच्चे से भी पूछेंगे तो वह भी बता देगा कि इतना कुछ होने के बाद कुछ गुंजाइश नहीं बनती (मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनने की)। सचिन पायलट पार्टी का वफादार सिपाही है। सब (विधायक) आलाकमान के साथ है।
पर्यवेक्षक अजय माकन ने क्या कहा?
पर्यवेक्षक के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राजस्थान पहुंचे अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस विधायक प्रताप खाचरियावास, एस धारीवाल और सीपी जोशी ने हमसे मुलाकात की और 3 मांगें रखीं। इनमें से एक मांग है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव खत्म होने के बाद यानी 19 अक्टूबर के बाद ही नए मुख्यमंत्री पर कोई फैसला होगा। मैंने तीनों नेताओं से कहा है कि ऐसा करने से हितों का टकराव होगा।
#RajasthanPoliticalCrisis | Mallikarjun Kharge & I came here as AICC observers to hold a meeting in accordance with CM's convenience at the latter's residence. We were continuously telling the MLAs who didn't come to come & talk one-to-one: AICC observer Ajay Maken pic.twitter.com/j5GxuCExjC
— ANI (@ANI) September 26, 2022
अजय माकन ने कहा कि हमने विधायकों को आकर बात करने के लिए कहा। मैं और मल्लिकार्जुन खड़गे रविवार को सीएम गहलोत के आवास पर विधायकों के साथ बैठक का इंतजार कर रहे थे लेकिन विधायक नहीं आए और इस्तीफा देकर घर लौट गए।
दिल्ली लौटेंगे दोनों पर्यवेक्षक
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के दो पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट पर शीर्ष नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे। पार्टी के नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों ने कहा कि पार्टी आलाकमान के साथ चर्चा के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पर्यवेक्षकों की ओर से अगला कदम तय किया जाएगा।
बता दें कि पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर रविवार शाम विधायक दल की बैठक होनी थी, जिसमें सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायक शामिल हुए थे, हालांकि गहलोत के समर्थक विधायकों ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के साथ उनके घर पर बैठक की थी। इसके बाद 82 विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
गहलोत के करीबी सूत्रों के मुताबिक, विधायकों ने जो किया वह सही नहीं था। विधायकों को सोनिया गांधी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों के सामने विधायक दल की बैठक में आना चाहिए था। गहलोत भी चाहते थे कि सभी विधायक उनके सामने आएं।
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विधायकों ने क्यों दिया इस्तीफा
सूत्रों ने आगे कहा कि पार्टी नेतृत्व चाहता था कि विधायक बैठक में अपनी राय व्यक्त करें और अंतिम निर्णय सोनिया गांधी पर छोड़ दिया जाए। यह कांग्रेस की परंपरा रही है जिसका राजस्थान कांग्रेस में पालन किया गया है, लेकिन गहलोत के सभी प्रयासों के बावजूद विधायकों को लगा कि फैसला सचिन पायलट के पक्ष में होने जा रहा है, जिसके बाद उनका गुस्सा फूट पड़ा। विधायक नहीं चाहते थे कि जिसने भाजपा के साथ मिलकर गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश की, उस व्यक्ति को सरकार की बागडोर दे दी जाए।
गहलोत के समर्थक विधायक चाहते हैं कि पायलट के बजाय उनके अपने खेमे से किसी को अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाए। सोनिया गांधी के साथ मजबूती से खड़े रहने वाले 102 विधायकों में से शांति धारीवाल, प्रताप खाचरियावास और महेश जोशी जैसे सीनियर विधायकों ने पर्यवेक्षकों के सामने यह बात रखी। इसके बाद पर्यवेक्षकों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे केवल राय लेने के लिए आए हैं और सभी की राय लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अंतिम निर्णय लेंगी।
राजनीतिक संकट के बीच पायलट ने हालांकि चुप्पी साध रखी है और कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। वह रविवार को सीएलपी की बैठक में भी शामिल हुए थे। उधर, राजस्थान के मंत्री महेश जोशी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पार्टी उन लोगों का ख्याल रखे जो कांग्रेस के प्रति वफादार रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हर विधायक का मानना है कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी उनकी मांगों पर विचार करेंगी। उम्मीद करते हैं कि जब आलाकमान अंतिम फैसला करेगा तो हमारी मांगों पर विचार किया जाएगा। हम चाहते हैं कि पार्टी उन लोगों का ख्याल रखे, जो वफादार रहे हैं।
भाजपा ने ली चुटकी, कांग्रेस को घेरा
राजस्थान राजनीतिक संकट पर राज्य में BJP प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वे (विधायक) 50 दिन बाड़े में बंद रहे हैं। मुख्यमंत्री (बनने) के लिए जो महत्वाकांक्षा रही, उससे कांग्रेस बेनकाब हुई है। अशोक गहलोत ने ऐसी सरकार छोड़ी है, जिसे देवता भी ऐसी परिस्थितियों को बदल नहीं पाएंगे।
राजस्थान राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में मनोरंजन कम हुआ है, वो अब राजस्थान में शुरू हो गया है। राज्य में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं है। कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती हैं, जनता की सेवा नहीं करना चाहती। कांग्रेस में न दिशा है न नेता है।
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि रविवार की रात को राजस्थान में हुए घटनाक्रम से साफ हो गया है कि कांग्रेस वेंटिलेटर पर आखिरी सांस ले रही है और बहुत जल्द दम तोड़ देगी। उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और राहुल गांधी तमिलनाडु में भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं।
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