Gujarat Terror Conspiracy Case: गुजरात ATS ने पिछले दिनों बहुत बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया, जिसमें बायोकेमिकल अटैक से बड़ा नरसंहार करने की योजना थी, लेकिन साजिश का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को दबोच लिया गया और उससे विस्फोटक पदार्थ बरामद कर लिया गया. वहीं अब गुजरात ATS द्वारा गिरफ्तार किए गए ISKP से जुड़े 3 आतंकियों के मामले में जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ रहा है, चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं.
आतंकियों की गिरफ्तारी से पहले राइसिन केमिकल से जैविक हथियार बनाने की साजिश का पर्दाफाश हो चुका था, लेकिन यह साजिश कितनी बड़ी थी और हमला कितना बड़ा हो सकता था, इसका खुलासा डॉ मयूद्दीन के घर की तलाशी लेने के बाद हुआ है. गुजरात ATS द्वारा गिरफ्तार आरोपियों में हैदराबाद का डॉक्टर अहमद मोहय्यूद्दीन सैयद, उत्तर प्रदेश के आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम खान शामिल हैं.
राइसिन आतंकी साजिश: बायोकैमिकल अटैक से बड़े नरसंहार की थी योजना, गुजरात ATS ने की बड़ी साजिश नाकाम
मुखबिर की सूचना पर लिया गया एक्शन
ATS को अहमद मोहय्यूद्दीन के गुजरात में मौजूद होने और आतंकी हमले की साजिश रचने की गुप्त जानकारी मिली थी तो ATS ने अहमदाबाद-महेसाणा रोड पर अडालज टोल प्लाजा के पास उसकी फोर्ड फिगो कार को रोका. तलाशी में आरोपियों से 2 ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्टल और 30 कारतूस के साथ 4 लीटर कैस्टर ऑयल बरामद किया गया. पूछताछ में डॉ अहमद मोहय्यूद्दीन ने कबूल किया कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे हैंडलरों के संपर्क में था.
अहमद का कनेक्शन ISKP यानी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत से था. उसका मुख्य काम खतरनाक जैविक हथियार राइसिन को तैयार करने का था. वह हैदराबाद में राइसिन नामक जहरीले केमिकल को बनाने पर काम कर रहा था, जो कैस्टर ऑयल के स्लज से 72 घंटे की प्रक्रिया के बाद तैयार होता है. जांच करने पर पता चला कि पाकिस्तान में बैठे ISIS-KP के हैंडलर अबु खलीजा ने अहमद को ऑनलाइन चैट के जरिए राइसिन केमिकल बनाने की पूरी प्रक्रिया सिखाई थी.
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आतंकियों ने की थी कई इलाकों की रेकी
अरंड के बीजों से तैयार यह जहर यदि किसी व्यक्ति के शरीर में चला जाए तो गिनती की घड़ी में उसकी मौत हो जाएगी. मोहय्यूद्दीन से पूछताछ में और उसके मोबाइल डेटा से ATS को 2 और आरोपियों आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल खान का सुराग मिला, जिन्होंने देश के कई प्रमुख बाजारों और स्थानों की रेकी की थी, जिनमें अहमदाबाद की नरौडा फ्रूट मार्केट, लखनऊ की फ्रूट मार्केट और दिल्ली की आजादपुर मंडी शामिल है.
दोनों ने दिल्ली से श्रीनगर तक के नेशनल हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी रेकी की थी और डेटा पाकिस्तान भेजा था. तीनों आरोपी एक-दूसरे से फोन के माध्यम से जुड़े थे और सभी को उनके पाकिस्तानी हैंडलरों से कोडवर्ड्स में निर्देश मिलते थे. हथियारों की सप्लाई ड्रोन के जरिए राजस्थान बॉर्डर के रास्ते की गई थी. राजस्थान के हनुमानगढ़ इलाके में हथियारों को ‘डेड ड्रॉप’ के तौर पर छोड़ा गया था, जिन्हें UP से आए दोनों आतंकियों ने उठाकर ट्रेन से गुजरात के कलोल में पहुंचाया.
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घर से मिला राइसिन बनाने का सामान
ATS ने जब मोहय्यूद्दीन के हैदराबाद स्थित राजेन्द्रनगर स्थित घर की तलाशी ली तो उनकी आंखें फटी रह गई. उसके घर से बड़ी मात्रा में राइसिन बायोकेमिकल तैयार करने का सामान, मशीनें, कैस्टर सीड्स का स्लज और अन्य संदिग्ध वस्तुएं मिली थीं. ATS को आशंका है कि इसी राइसिन जहर को बायोकेमिकल वेपन की तरह इस्तेमाल करके नरसंहार करने की योजना थी.
जानकारी के मुताबिक, राइसिन जहर को विस्फोटकों के साथ ब्लास्ट करके जानें ली जा सकती थीं या फिर इसे पानी की टंकी या खाने में मिलाकर लोगों की हत्या के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था. किसी भी तरीके से शरीर में पहुंचाकर लोगों की जान लेने का प्लान था, क्योंकि इस केमिकल की माइक्रो ग्राम मात्रा का सेवन और जरा-सी गंध भी जान लेने के लिए काफी है.
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गिरोह का मकसद आतंकी सेल बनाना
ATS की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आतंकी गिरोह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान स्थित संगठनों की बड़ी साजिश का हिस्सा था. इनका मकसद भारत में अलग-अलग राज्यों में आतंकी सेल तैयार करना था, जिसमें हर सदस्य का अलग रोल तय किया गया था. ATS ने इस मामले में 8 नवंबर 2025 को अहमद मोहय्यूद्दीन, आजाद शेख, मोहम्मद सुहैल सलीम और फरार आरोपी अबू खदीजा के खिलाफ UAPA, भारतीय न्याय संहिता और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
अहमद मोहय्यूद्दीन को अदालत में पेश करके 17 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना की ATS मामले की जांच कर रही हैं.









