Gujarat News: गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी की घोषणा की है। इस ऐलान के साथ ही सीएम पटेल ने गुजरात को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का पावर हाउस बनाने की मंशा जाहिर की है। सीएम भूपेंद्र ने कहा कि इस पॉलिसी में मल्टीलेयर और HDI प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, डिसप्ले एंड कैमरा मॉड्यूल्स, एसएमडी पैसिव कम्पोनेंट्स, इलेक्ट्रो मैकेनिकल पार्ट्स और उसके उत्पादन के लिए जरूरी स्पेशल मशीन आदि के उद्योगों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन है। पॉलिसी का लाभ लेने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक किए जा सकेंगे।
मिलेगी 100 प्रतिशत सहायता
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात की पॉलिसी ड्रिवन स्टेट के रूप में स्थापित हुई इमेज को व्यापक बनाने के लिए एक और पॉलिसी ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 (GECMS)’ की घोषणा की है। सीएम भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित की गई इस पॉलिसी की विशेषता यह है कि केन्द्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (MEITY) द्वारा मंजूरी और सहायता प्राप्त यूनिट्स को गुजरात में भी केन्द्रीय मानदंड के अनुसार 100 प्रतिशत सहायता प्रोत्साहन मिलेगा। इसका मतलब गुजरात में स्थापित होने वाले MEITY मंजूर प्रोजेक्ट्स को केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के दोहरे प्रोत्साहन लाभ प्राप्त हो सकेंगे।
30 दिन में राज्य सरकार का प्रोत्साहन
यह पॉलिसी केन्द्र सरकार की ईसीएमएस पॉलिसी से सुसंगत है और इसके तहत 100 प्रतिशत टॉपअप का अनुकरण कर आसानी से कम से कम समय में सहायता प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जाएंगे। इतन ही नहीं, एमईआईटीवाई द्वारा एक बार ईसीएमएस अंतर्गत प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद राज्य में स्थापित होने वाले प्रोजेक्ट्स स्वतः समान अनुदान सहायता के पात्र बनेंगे और केन्द्र सरकार द्वारा सहायता का भुगतान किए जाने के बाद 30 दिन में राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा।
इन सेक्टर पर होगा फोकस
गुजरात देश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट लैंडस्केप में मैन्युफैक्चरिंग हब, ऑटो हब की प्रतिष्ठा वाला राज्य बना है। राज्य में चार सेमीकंडक्टर प्लांट्स भी कार्यरत हैं। ऐसे में, अब इस पॉलिसी के परिणामस्वरूप अपस्ट्रीम इंडस्ट्री को भी वेग मिलेगा और इसके चलते आयात पर निर्भरता घटेगी एवं टेक्नोलॉजिकल रेजिलिएंस में वृद्धि हो सकेगी।
35 हजार करोड़ का नया निवेश
इस पॉलिसी द्वारा राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक के नए निवेश तथा अधिकाधिक हाईस्किल्ड एम्प्लॉयमेंट का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित की गई इस जीईसीएमएस पॉलिसी के फलस्वरूप राज्य में मल्टीलेयर तथा एचआईडी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, एसएमडी पैसिव कम्पोनेंट्स, डिसप्ले एवं कैमरा मॉड्यूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स तथा उसके उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनरी आदि जरूरी उद्योगों व इकाइयों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलने लगेगा।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट में सहयोग
इस पॉलिसी में इनोवेशन को प्रोत्साहन देकर टैलेंट गैप समाप्त करने के उद्देश्य से राज्य में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए उदारतम सहयोग देने का प्रावधान रखा गया है। तद्अनुसार, गुजरात में स्थित एवं मान्यता प्राप्त संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल्स या एप्लाइड रिसर्च लैब की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिक से अधिक 12.5 करोड़ रुपए तक की मैचिंग सहायता देय होगी। GECMS अंतर्गत टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव छह वर्ष की समयावधि तक प्रदान किया जाएगा।
મુખ્યમંત્રી શ્રી ભૂપેન્દ્રભાઈ પટેલે આજે સાંજે ગાંધીનગરમાં સ્ટેટ ઇમર્જન્સી ઓપરેશન સેન્ટર ખાતેથી વરસાદથી પ્રભાવિત જિલ્લાઓમાં જનજીવનને થયેલી અસરની સ્થિતિની માહિતી મેળવવા સંબંધિત જિલ્લા કલેકટરશ્રીઓ સાથે વીડિયો કોન્ફરન્સ યોજી હતી તેમજ રાજ્ય સરકારના વરિષ્ઠ સચિવશ્રીઓ ઉપરાંત પોલીસ,… pic.twitter.com/7fxbc0FHKc
— CMO Gujarat (@CMOGuj) June 17, 2025
क्या है GECMS पॉलिसी
इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स उत्पादन से वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन्स में गुजरात का मजबूत स्थान स्थापित करना है। लोकल कम्पोनेंट और सब-असेम्बली उत्पादन को प्रोत्साहन देकर इलेक्ट्रॉनिक्स ग्लोबल वैल्यू चेन्स (GVC) में उत्पादन मूल्य वृद्धि से अग्रसर रहकर आयात पर निर्भरता कम करना और निर्यात में वृद्धि करना है।
GECMS के लिए जरूरी योग्यता
- भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस पॉलिसी का लाभ लेने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक करने होंगे।
- केन्द्र सरकार के एमईआईटीवाई द्वारा सहायता मंजूर हुई हो और गुजरात में कार्यरत हों; ऐसे सभी प्रोजेक्ट्स को स्वतः इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा।
- गुजरात में उत्पादन यूनिट स्थापित करने के इच्छुक हों अथवा प्रगति पर हों; ऐसे प्रोजेक्ट्स को भी इसका लाभ मिलेगा।
GECMS से क्या होगा लाभ?
- गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 अंतर्गत सहायता प्राप्त कर रही इकाइयों को छोड़कर अन्य इकाइयाँ ही इस नीति अंतर्गत देय लाभ प्राप्त करने के लिए मान्य होंगी।
- इस नीति अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली इकाइयों को गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 का लाभ नहीं मिलेगा।
- प्रोत्साहन भारत सरकार की योजना की शर्तों तथा थ्रेशोल्ड के अनुसार रहेंगे।
- कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा लॉजिस्टिक्स : इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टरों में कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण तथा विकास के लिए आवश्यकता आधारित सहायता दी जाएगी।
GECMS से किस तरह का मिलेगा लाभ
भारत सरकार द्वारा मंजूर योजनाओं के लिए सहायता का भुगतान किए जाने के बाद राज्य सरकार 30 कार्य दिवस में सहायता का भुगतान करेगी।
कब शुरू होगा पॉलिसी पर काम
- राज्य की इस नई नीति की समयावधि भारत सरकार की योजना के समान ही रहेगी।
- गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 का क्रियान्वयन गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (जीएसईएम) द्वारा किया जाएगा।
- केन्द्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) अंतर्गत मंजूर हुए प्रोजेक्ट्स को गुजरात में प्रोजेक्ट स्थापना के लिए केन्द्रीय सहायता की 100 प्रतिशत सहायता प्राप्त होगी।
- केन्द्रीय मंत्रालय मान्यता प्राप्त प्रोजेक्ट्स को एक ही मान्यता से केन्द्र-राज्य का दोहरा सहायता प्रोत्साहन लाभ मिलेगा।
- एमईआईटीवाई की मंजूरी से वितरण तक गुजरात सरकार की ईसीएमएस का लाभ भी समानांतर मिलेगा, 30 दिन में प्रोत्साहन सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा।
- ईसीएमएस अंतर्गत टर्नओवर से जुड़े प्रोत्साहन 6 वर्ष के लिए प्रदान किए जाएंगे।