रायपुर: छत्तीसगढ़ ओबीसी महासभा और छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार सभी वर्गों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग की प्रगति के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रही है। चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों की बात हो या न्याय योजनाओं की इन योजनाओं का लाभ सभी वर्गों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को भी मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की तरह प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों तथा जिला मुख्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
ओबीसी महासम्मेलन को किया सम्बोधित
मुख्यमंत्री बघेल रविवार को राजधानी रायपुर के रावणभाटा मैदान में आयोजित प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय ‘ओबीसी महासम्मेलन’ को सम्बोधित कर रहे थे। महासम्मेलन में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज ने आरक्षण के संबंध में चर्चा के लिए राज्यपाल महोदय से समय दिलाने की मांग मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल महोदय को इस संबंध में पत्र लिखने की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश साहू ने की। कार्यक्रम में लोकसभा सांसद दीपक बैज, छत्तीसगढ़ ओबीसी महासभा के संयोजक राधेश्याम साहू सहित ओबीसी समाज के अनेक पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री बघेल ने समाज द्वारा जमीन की मांग पर कहा कि जमीन के मामले में इससे पहले किसी सरकार ने इतना जमीन नहीं बांटा है, कोई समाज यह नहीं कह सकता कि उसे जमीन नहीं मिला। ओबीसी बड़ा समाज है तो सबसे ज्यादा जमीन आप लोगों को मिली है। साथ ही भवन बनाने के लिए भी आवश्यकतानुसार राशि दी गयी है। राजधानी में सभी अस्पताल रायपुर शहर में स्थित हैं, तो व्यवहारिकता को देखते हुए आप लोग बड़े अस्पतालों के पास धर्मशाला के लिए जमीन देख लें।
यह भी पढ़ें-सरकार की शैलो ट्यूबवेल योजना किसानों के लिए साबित हो रही वरदान, अब नहीं रहेगी मानसून पर निर्भरता
सरकार हमेशा पिछड़ा वर्ग के साथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा पिछड़ा वर्ग के साथ है। सबसे ज्यादा ऋण माफी का लाभ पिछड़ा वर्ग के साथियों को ही मिला है क्योंकि पिछड़ा वर्ग के लोग अधिकांशतः खेती से जुड़े हुए हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का लाभ भी आपको ही सबसे ज्यादा मिला, चाहे वह राजीव गांधी किसान न्याय योजना की बात हो, चाहे मिलेट्स कोदो, कुटकी की बात हो, ट्यूबवेल पर किसानों को बिजली पर 12 हजार से 14 हजार करोड़ रुपए की छूट इन 5 सालों में दी गई और घरों में बिजली पर भी छूट दी जा रही है। हमारी सरकार लगातार शिक्षा स्वास्थ्य पर काम कर रही है। छत्तीसगढ़ के हितों के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।
संगठन ने हमेशा प्रभावी तरीके से अपनी मांग रखी
उन्होंने कहा कि मुझे वह दिन भी याद है जब 2013 में आप सभी चारामा से हजारों की संख्या में पैदल चलकर रायपुर आए थे और इंडोर स्टेडियम के बगल में बड़ी सभा का आयोजन हुआ था। अन्य पिछड़ा वर्ग का संगठन बहुत मजबूत है। संगठन द्वारा हमेशा प्रभावी तरीके से अपनी मांग रखी जाती है। अन्य पिछड़ा वर्ग की प्रमुख रूप से 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग रही है तथा हमने विधानसभा में एक और दो दिसंबर 2022 को विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण विधेयक पारित किया और पारित करने के पश्चात राज्यपाल महोदय के पास भेज दिया। यह विधेयक राज्यपाल के पास लंबित है। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण और ईडब्ल्यूएस को 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
जनसंख्या बढ़ने के साथ आवास की जरूरत भी बढ़ी
सीएम बघेल ने कहा कि वर्तमान में 2011 के बाद से जनगणना नहीं हुई है। आवास का मामला सामने आया। जनसंख्या बढ़ने के साथ परिवार भी बढ़े और आवास की जरूरत भी बढ़ी। मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी की जनगणना होनी चाहिए। जनगणना नहीं हुई तो हमारी सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण कराया जिसकी रिपोर्ट आयी है और उसका परीक्षण चल रहा है। मुख्यमंत्री ने समाज की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि एनएमडीसी का कार्यालय हैदराबाद की जगह जगदलपुर में होना चाहिए। प्रदेश में कार्यालय होगा तो इससे सभी को लाभ मिलेगा, राज्य को जीएसटी से लाभ होगा, अभी तेलंगाना जा रहा है, वह प्रदेश को मिलेगा। भर्ती में भी छत्तीसगढ़ के बच्चों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय और सार्वजनिक औद्योगिक निकायों का निजीकरण हो रहा है, ऐसी स्थिति में किसी को भी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।