नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक और झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में ‘असली’ शिवसेना एकनाथ शिंदे की है या उद्धव ठाकरे की, यह तय करने के लिए चुनाव आयोग की कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी। इस फैसले को सीएम एकनाथ शिंदे के खेमे की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ शिवसेना में दरार के संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बता दें कि महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना में दो गुट हैं। एक गुट के नेता एकनाथ शिंदे हैं जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं जबकि दूसरे गुट के नेता उद्धव ठाकरे हैं।
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Supreme Court declines to stay the proceedings before the Election Commission of India on Shinde group's claim for recognition as 'real' Shiv Sena.
---विज्ञापन---Court rejects plea of Uddhav Thackeray group seeking stay on proceedings before the Election Commission.
— ANI (@ANI) September 27, 2022
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उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका में चुनाव आयोग को असली शिवसेना और पार्टी के चुनाव चिह्न पर शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के दावे पर निर्णय लेने से रोकने की मांग की गई थी। बता दें कि इस साल जून में एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी, जिसके बाद महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। 30 जून को शिंदे ने भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ठाकरे और शिंदे के नेतृत्व वाले गुटों की ओर से दायर याचिकाओं को पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा था, जिसमें दलबदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक प्रश्न उठाए गए थे। याचिका में भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से शिंदे गुट की याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं करने की मांग की गई थी।
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