नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में बिहार में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में चार्जशाट दायर की। आरोप पत्र में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कंपनियों समेत कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में राजद प्रमुख और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी पहले से ही जांच का सामना कर रहे हैं।
बढ़ीं लालू परिवार की मुश्किलें
नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू यादव परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में 18 मई को ईडी ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी। इसी मामले में सीबीआई ने भी राबड़ी देवी से पूछताछ की थी। उन्होंने इस मामले में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराया था। इसी मामले में पहले ही ईडी तेजस्वी यादव और मीसा भारती से भी पूछताछ कर चुकी है।
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ईडी ने ली थी तलाशी
ईडी ने कुछ समय पहले इस मामले में लालू यादव के परिजनों और करीबियों के घर की तलाशी भी ली थी। उन्होंने छापेमारी में 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त करने का दावा भी किया था। सीबीआई ने लालू परिवार के सभी सदस्यों के नाम से खरीदी गई संपत्ति का ब्योरा मांगा था। इसमें उनके बेटी और दामाद भी शामिल हैं।
जमीन के बदले नौकरी घोटाला
उललेखनीय है कि साल 2004 से 2009 तक लालू यादव रेल मंत्री रहे। नौकरी के बदले जमीन मामला रेलवे भर्ती से जुड़ा है। आरोप है कि लालू यादव ने साल 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले लोगों को नौकरी दी। आरोप के अनुसार, यादव ने रेल मंत्री रहते हुए ही बिना विज्ञापन जारी किए। रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के लिए कई लोगों की भर्ती की थी। इसके बदले लोगों को जमीन देनी पड़ी। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव और उनके परिवार पर केस दर्ज किया है।
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