Bihar Shri Ramjanaki Temple Construction (दिलीप दुबे): अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस खबर ने बिहार के पश्चिम चम्पारण के माधोपुर बैरिया गांव में कौमी एकता में जान फूंक दी है। गांव की आबादी लगभग पांच सौ लोगों की है। आधी आबादी हिन्दू तो आधी आबादी मुसलमान आबादी की है। दोनों समुदाय के लोगों ने हिन्दू मुस्लिम की एकता की जो मिसाल कायम की है वो जिले में चर्चा का विषय बन गई है।
श्रीरामजानकी मंदिर का भव्य निर्माण
नरकटियागंज के माधोपुर बैरिया गांव में श्रीरामजानकी मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है। ग्रामीणों को जब पता चला कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है तो ग्रामीणों ने यह ठान लिया कि हमारे गांव में भी राम जानकी मंदिर बनेगा। ग्रामीणों ने आपस में बैठक की और गांव में मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया। ग्रामीण रामजी साह ललन शाह और लक्ष्मण शाह ने मंदिर बनाने के लिए अपनी तीन कठ्ठा जमीन दान कर दी। मंदिर निर्माण के लिए 15 सदस्य की कमेटी बनाई गई।
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कमेटी में पांच मुस्लिम सदस्य
कमेटी में पांच मुस्लिम सदस्य है, जिनका नाम नजीर अहमद नूरलय खान, आलमगीर पप्पू खान और सजरुल खान है। कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया। गांव के सभी लोगों ने मिलकर मंदिर के नाम पर तीस लाख की बड़ी राशि चंदे में जुटा ली है।
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गांव के लोग कर रहे हैं श्रमदान
29 नवंबर को भूमि पूजन के बाद तेजी से निर्माण कार्य जारी है। नींव से लेकर दीवार उठ गई है। दोनों समुदाय के लोगों का कहना है कि एक साल के अंदर हम लोग श्रीराम जानकी मंदिर बना लेंगे। मंदिर बनाने के लिए गांव के ही लोग श्रमदान कर रहे हैं, इसमें मजदूर नहीं लगाए गए हैं। 10 मुस्लिम और 10 हिन्दू प्रति दिन मंदिर में अपना श्रमदान देने आते हैं।
भाईचारे की मिसाल
गांव के लोगों ने कौन- कौन लोग किस दिन आएंगे, इसकी एक लिस्ट बनाई है। ग्रामीणों में मंदिर बनाने को लेकर काफी उत्साह दिख रहा है। कोई गिट्टी दे रहा है कोई ईंट तो कोई सीमेंट दे रहा है। यह श्रीराम जानकी का मंदिर सिर्फ आस्था का मंदिर ही नहीं बल्कि भाईचारे की मिसाल भी बन रहा है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य राजा मिश्रा समीर मौलाना नजीर अहमद सजरुल हक ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य एक साल के अंदर कर लिया जायेगा और यह मंदिर कौमी एकता का मिसाल पेश करेगा।
कंधा से कंधा मिलाकर करते हैं काम
यह बिहार का एक ऐसा गांव है जहां आधे हिन्दू और आधे मुसलमान हैं जो कि भाईचारा की मिसाल हैं। सभी ने मिलकर श्रीरामजानकी मंदिर निर्माण का बीड़ा उठाया है। जो हिन्दू मुस्लिम के बीच नफरत की दीवार खड़ी करते हैं, उन्हें इस गांव में आकर दोनों समुदायों का प्रेम देखना चाहिए। यहां हिन्दू मुस्लिम एक साथ रहते है कंधा से कंधा मिलाकर काम करते हैं।