Bihar Floor Test : झारखंड में तो चंपई सोरेन सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है। अब बिहार की बारी है, जहां 12 फरवरी को नीतीश सरकार की शक्ति परीक्षा होने वाली है। इससे पहले राज्य में सियासी संकट मंडरा रहा है। HAM के प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार की टेंशन बढ़ दी है।
झारखंड की तरह ही बिहार में कांग्रेस को विधायकों के टूटने का डर है, इसलिए फ्लोर टेस्ट से पहले सारे विधायक हैदराबाद भेज दिए गए हैं। इस बीच सत्ताधारी गठबंधन एनडीए से कुछ नेता नाराज चल रहे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी राजद और कांग्रेस ने जीतन राम मांझी को सीएम बनने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इसके बाद उन्होंने एनडीए को सपोर्ट करने का ऐलान किया था।
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क्यों नहीं मिलता कोई बड़ा विभाग : मांझी
अब सभी पार्टियों की नजरें जीतन राम मांझी पर बनी हुई हैं। मांझी ने एनडीए सरकार में दो मंत्री पद मांगा था, लेकिन सिर्फ उनके बेटे संतोष सुमन को ही मंत्री बनाया गया है। ऐसे में अब पूर्व सीएम चाहते हैं कि कम-से-कम कोई महत्वपूर्ण पद ही मिल जाए। पूर्व सीएम ने बेटे को मिले मंत्रालय को लेकर असंतोष जताया है और कहा कि हमें एनडीए सरकार में कोई बड़ा मंत्रालय या विभाग क्यों नहीं मिलता है। मुझे भी एससी-एसटी विभाग मिला था और अब मेरे बेटे को यही मंत्रालय दिया गया है। ऐसा क्यों होता है।
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मांगा पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग : पूर्व सीएम
जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार को एससी-एसटी कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया है। इससे पहले भी जब वे एनडीए सरकार में मंत्री थे तब भी उन्हें यही मंत्रालय मिला था। ऐसे में अब पूर्व सीएम मांझी ने एनडीए सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि क्या हम लोगों को पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग नहीं मिल सकता है। मांझी के इस बयान से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
#WATCH | On Bihar Congress MLAs taken to Hyderabad, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "The biggest doubt is that they had to go to Hyderabad…The situation is not in Congress' control. Let's see what happens…" pic.twitter.com/XjCLvyPxMK
— ANI (@ANI) February 5, 2024
कांग्रेस विधायकों के हैदराबाद जाने पर संदेह
बिहार कांग्रेस के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सबसे बड़ा संदेह यह है कि उन्हें हैदराबाद जाना पड़ा। स्थिति कांग्रेस के नियंत्रण में नहीं है। देखते हैं क्या होता है।