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‘बेल्टों से खाई मार, शरीर पर पड़ गए निशान…’, टीम इंडिया के क्रिकेटर ने याद किए दिल दहला देने वाले दिन

नई दिल्ली: क्रिकेटर बनना इतना आसान नहीं। इसके लिए कई खिलाड़ियों को संघर्ष से गुजरना पड़ता है, लेकिन जो इनसे पार पाकर आगे बढ़ता है वही असली चैंपियन कहलाता है। भारत के कई क्रिकेटरों की संघर्ष की कहानी लगभग एक जैसी है। भारत और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ी खलील अहमद की भी कुछ […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Mar 31, 2023 11:23
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Khaleel Ahmed Aakash Chopra
Khaleel Ahmed Aakash Chopra

नई दिल्ली: क्रिकेटर बनना इतना आसान नहीं। इसके लिए कई खिलाड़ियों को संघर्ष से गुजरना पड़ता है, लेकिन जो इनसे पार पाकर आगे बढ़ता है वही असली चैंपियन कहलाता है। भारत के कई क्रिकेटरों की संघर्ष की कहानी लगभग एक जैसी है। भारत और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ी खलील अहमद की भी कुछ ऐसी ही कहानी है। तेज गेंदबाज ने टीम इंडिया के लिए 11 वनडे और 14 T20I खेले हैं। खलील का बचपन राजस्थान के टोंक जिले में बीता। उस दौरान खलील को पढ़ाई न करने और क्रिकेट खेलने के लिए अपने पिता से बेल्टों से मार खानी पड़ी थी।

घर के काम अधूरे रह जाते तो पड़ती मार

खलील जियोसिनेमा पर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान अपने पुराने दिनों को याद कर भावुक हो उठे। उन्होंने कहा- मेरी तीन बड़ी बहनें हैं। मेरे पिता टोंक जिले में एक कंपाउंडर थे। इसलिए जब पापा जॉब पर जाते थे, तो मुझे घर का काम करना पड़ता था, जैसे कि किराने का सामान और दूध लाना। हालांकि इस बीच में मैं खेलने चला जाता था जिसकी वजह से घर का काम अधूरे रह जाते। जब पापा घर आते तो मेरे बारे में पूछते, तो मां मेरे गायब रहने पर पिता से शिकायत करतीं। मैं ग्राउंड पर होता था। इस वजह से उन्हें कई बार इतना गुस्सा आ जाता था कि मुझे बेल्ट से पीटते, जिससे मेरे शरीर पर निशान पड़ जाते। मेरी बहनें रात में उन घावों का इलाज करतीं। खलील ने इसके बाद कहा कि जब उन्होंने खेल में आगे बढ़ना शुरू किया तो उनके पिता का सपोर्ट मिलना शुरू हो गया।

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पापा चाहते थे कि डॉक्टर बनूं

खलील ने कहा- मेरे पिता कंपाउंडर थे, इसलिए वह चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं या उस फील्ड में कुछ करूं। वह चाहते थे कि मुझे भविष्य में किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े। एक बार जब मैं क्रिकेट में थोड़ा आगे बढ़ गया तो उन्होंने सपोर्ट करना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे क्रिकेट खेलने के लिए कहा। यहां तक कहा कि अगर मैं इसमें करियर बनाने में असफल रहा तो उनकी पेंशन मेरी देखभाल करेगी।

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मेरा नाम अखबारों में छपा

खलील ने आगे कहा- बदलाव तब हुआ जब मुझे U-14 में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया। मैंने चार मैचों में लगभग 21 विकेट लिए और मेरा नाम अखबारों में भी छपा। मैंने अपने परिवार को अलाउंस दिए। वे इसके बाद भावनात्मक रूप से जुड़ गए। खलील ने पिछले सीजन में 10 मैचों में 16 विकेट झटके थे। आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद खलील सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले, लेकिन चोट के कारण उन्हें रणजी ट्रॉफी के दौरान बाहर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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HISTORY

Written By

Pushpendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Mar 29, 2023 08:33 PM

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