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टाइटेन‍िक डूबा लेक‍िन ज‍िंदा बच गया ये शख्‍स, दोनों पैर हुए बेकार, नहीं मानी हार; ओलंपिक गोल्ड जीत गया टेनिस स्टार

Who Was Richard Norris Williams: रिचर्ड नॉरिस विलियम्स नाम है उस शख्स का जिसने यह साबित किया कि अगर इरादा मजबूत हो और मन में हिम्मत हो तो कुछ भी किया जा सकता है। टाइटेनिक जहाज जब हादसे का शिकार हुआ था उस समय उसी पर मौजूद रिचर्ड के लिए डॉक्टर्स ने कह दिया था कि उनके दोनों पैर काटने पड़ेंगे। लेकिन, इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे चल कर ओलंपिक पदक विजेता बन गए।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jul 25, 2024 19:47
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Richard Norris Williams
Richard Norris Williams (Social Media)

रिचर्ड नॉरिस विलियम्स एक दिग्गज टेनिस खिलाड़ी थे जिन्होंने साल 1924 में हुए पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया था। लेकिन, विंबल्डन डबल्स चैंपियन रहे रिचर्ड को उनके खेल से ज्यादा टाइटेनिक हादसे में उनके अनोखे सर्वाइवल के लिए जाना जाता है। जी हां, हम उसी टाइटेनिक जहाज की बात कर रहे हैं जिसके डूबने की घटना पर हॉलीवुड में मशहूर फिल्म भी बनी थी। इस हादसे के बाद डॉक्टर्स ने कह दिया था कि रिचर्ड को अपने दोनों पैर खोने पड़ेंगे लेकिन दाद देनी होगी रिचर्ड की हिम्मत की, उन्होंने हार नहीं मानी और आगे चलकर टेनिस के वर्ल्ड चैंपियन तक बने। इस रिपोर्ट में जानिए कैसा रहा रिचर्ड नॉरिस विलियम्स के जीवन का अनोखा सफर।

टाइटेनिक एक ब्रिटिश यात्री जहाज था जिसका संचालन व्हाइट स्टार लाइन करती थी। इसने 10 अप्रैल 1912 को अपने आखिरी सफर की शुरुआत की थी। 15 अप्रैल 1912 को यह जहाज एक आइसबर्ग से टकरा गया था। उस समय इस पर 2000 से ज्यादा लोग सवार थे। टक्कर के बाद जहाज डूबने लगा था। इस दौरान करीब 700 लोग ही लाइफबोट्स पर जगह बना पाए थे। जिन्हें लाइफबोट नहीं मिल पाई थी वो रेस्क्यू का इंतजार करते-करते या तो डूब गए या अटलांटिक महासागर में जहाज के साथ समा गए। इसी जहाज पर रिचर्ड नॉरिस विलियम्स भी सफर कर रहे थे। इस हादसे में फर्स्ट क्लास पुरुष यात्रियों के लिए सर्वाइवल रेट केवल 33 प्रतिशत था।

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पिता के साथ सवार हुए थे टाइटेनिक पर

रिचर्ड नॉरिस का जन्म 29 जनवरी 1891 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुआ था। हालांकि उनके माता-पिता अमेरिकी थे। बेंजामिन फ्रैंकलिन के वंश में जन्म लेने वाले रिचर्ड का परिवार संपन्न था। उनके पिता चार्ल्स डुएन विलियम्स एक प्रसिद्ध वकील थे। उन्होंने ही रिचर्ड को टेनिस खेलना सिखाया था। रिपोर्ट्स के अनुसार रिचर्ड को अमेरिका में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जाना था। इसीलिए उन्होंने टाइटेनिक जहाज की टिकट बुक करवाई थी। जब रिचर्ड अपने पिता के साथ टाइटेनिक पर सवार हुए थे तब उनकी उम्र 21 साल और उनके पिता की उम्र 51 साल थी। दोनों ने फर्स्ट क्लास दर्जे की टिकट बुक करवाई थी। वह फ्रांस के शेरबर्ग में इस जहाज पर सवार हुए थे।

90 मीटर तैरने के बाद पकड़ी लाइफबोट

जब जहाज डूबने लगा था तब रिचर्ड ने एक केबिन का दरवाजा तोड़कर उसमें फंसे एक यात्री को निकाला था। इसे लेकर जहाज के स्टाफ ने उन्हें जुर्माने की धमकी भी दी थी। रिचर्ड ने बाद में बताया था कि उनके पिता कि मौत एक गिरते हुए फनल के नीचे आ जाने से हो गई थी। खुद को बचाने के लिए रिचर्ड ने जूते उतारे और करीब 91 मीटर दूर एक लाइफबोट तक तैरते हुए गए। लाइफबोट तक पहुंचने के बाद वह रेस्क्यू का इंतजार करते हुए काफी समय तक उसपर लटके रहे। इस दौरान उनके घुटने तक पैर बर्फीले पानी के अंदर थे। रेस्क्यू करने आए जहाज पर मौजूद डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि वह फ्रॉस्टबाइट के शिकार हो चुके हैं और दोनों पैर काटने पड़ेंगे।

जज्बा: डॉक्टर्स को नहीं काटने दिए पैर

लेकिन, टेनिस को लेकर उनके प्यार ने ऐसा नहीं करने दिया। रिचर्ड नॉरिस ने डॉक्टर्स से कहा कि मैं आपको ऐसा करने की अनुमति देने से इनकार करता हूं। मुझे मेरे पैरों की जरूरत पड़ेगी। डॉक्टर्स की चेतावनी के बाद भी अपने पैरों को बचाने के लिए रिचर्ड ने उस जहाज के डेक पर हर 2 घंटे के अंतराल पर टहलना शुरू किया। धीरे-धीरे उनके शरीर के निचले हिस्से में हरकत महसूस होने लगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस भयानक समुद्री हादसे के बाद उसी साल रिचर्ड नॉरिस विलियम्स ने यूएस नेशनल टेनिस चैंपियनशिप की मिक्स्ड डबल्स प्रतियोगिता में शानदार जीत हासिल की थी और दुनिया के टॉप 10 टेनिस खिलाड़ियों में से एक बन गए थे।

सेना में सेवाएं दीं, ओलंपिक मेडल जीता

साल 1916 में उन्होंने फिर से नेशनल टाइटल अपने नाम किया था और अमेरिका के हाइएस्ट रैंक वाले टेनिस खिलाड़ी बन गए। टेनिस के कोर्ट पर अपने शानदार खेल के अलावा रिचर्ड ने पहले विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना में भी सेवा दी थी।उनके टेनिस करियर का सबसे शानदार लम्हा साल 1924 में हुए पेरिस ओलंपिक में आया जब रिचर्ड ने हेजल हॉचकिस वाइटमैन के साथ मिक्स्ड डबल्स का गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। टेनिस से संन्यास लेने के बाद रिचर्ड इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम करने लगे थे। साल 1957 में उन्हें इंटरनेशनल टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। 2 जून 1968 को 77 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।

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Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Jul 25, 2024 07:25 PM

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