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Paralympics 2024: देश के लिए लड़ी, युद्ध में खोए पैर, 44 साल की उम्र में इतिहास रचने जा रही ये योद्धा कौन?

Melissa Stockwell Paralympics 2024: पैरालंपिक में एक ऐसी एथलीट हिस्सा लेने जा रही है, जो पूर्व आमी ऑफिसर रहीं। ये उनका चौथा पैरालंपिक होगा। मेलिसा स्टॉकवेल की कहानी कभी हार न मानने की सीख देती है।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Aug 29, 2024 23:44
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Melissa Stockwell Paralympics 2024
Melissa Stockwell

Melissa Stockwell Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक में दुनियाभर के 4,400 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इनमें शामिल कुछ लोगों की कहानियां ऐसी हैं, जो आपको कभी हार न मानने की सीख देती हैं। एक ऐसी ही कहानी अमेरिका की पूर्व आर्मी ऑफिसर मेलिसा स्टॉकवेल की है। जिन्होंने इराक युद्ध में अपने पैर खो दिए थे, लेकिन वे अपने जीवन में पीछे नहीं हटीं। एक योद्धा की तरह लड़ीं और अब वे पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रचने जा रही हैं। वह तीन बार की विश्व चैंपियन और चार बार की यूएस चैंपियन हैं।

बम विस्फोट में हुईं घायल

44 साल की पूर्व अमेरिकी सेना अधिकारी मेलिसा स्टॉकवेल लेफ्टिनेंट के तौर पर कार्यरत थीं। साल 2004 में इराक युद्ध के दौरान बगदाद में एक काफिले का नेतृत्व करते समय सड़क किनारे बम विस्फोट हुआ। जिसमें घायल होने के बाद उन्हें अपना बायां पैर खोना पड़ा। वह युद्ध में अंग खोने वाली पहली महिला सैनिक थीं। इराक में उनकी सर्विसेज के लिए उन्हें ब्रॉन्ज स्टार और पर्पल हार्ट से सम्मानित किया गया था। सेना से रिटायर होने के बाद वह एक प्रोस्थेटिस्ट के रूप में काम करती हैं। स्टॉकवेल का सफर इस सबके बावजूद खत्म हो सकता था, लेकिन उन्होंने योद्धा की तरह जीवन जीने का फैसला लिया। आखिरकार उन्होंने दृढ़ निश्चय किया और तैराकी शुरू की। वह इसके बाद पैरालंपिक के लिए चुनी गई अमेरिका की पहली दिग्गज बनीं।

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तीन तैराकी स्पर्धाओं में लिया हिस्सा

स्टॉकवेल ने 2008 समर पैरालंपिक में तीन तैराकी स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। उन्होंने 100 मीटर बटरफ्लाई, 100 मीटर फ्रीस्टाइल और 400 मीटर फ्रीस्टाइल में प्रतिस्पर्धा की। हालांकि वह मेडल नहीं जीत सकीं, लेकिन अच्छा प्रदर्शन करते हुए चौथे स्थान तक पहुंचीं। समापन समारोह में वह अमेरिका की टीम की ध्वजवाहक बनीं।

बनीं वर्ल्ड चैंपियन

बीजिंग पैरालिंपिक के बाद उन्होंने ट्रायथलॉन में हिस्सा लेना शुरू किया। वह बुडापेस्ट में आयोजित की गई 2010 आईटीयू पैराट्रायथलॉन विश्व चैंपियनशिप में पहुंचीं। उन्होंने इस चैंपियनशिप में महिला टीआरआई-2 (घुटने से ऊपर कट) वर्ग का खिताब जीता। इसके बाद 2011 और 2012 में लगातार विश्व चैंपियन बनीं। वह एक से ज्यादा बार खिताब जीतने वाली यूएस नेशनल पैराट्रायथलॉन चैंपियन हैं। स्टॉकवेल को इसके बाद 2016 पैरालिंपिक में पीटी2 श्रेणी में हिस्सा लेने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया।

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बन चुकी है फिल्म 

उनके जीवन पर Warrior Champions: From Baghdad to Beijing नाम की फिल्म भी बन चुकी है। स्टॉकवेल के जीवन ने लोगों को ये सीख दी है कि आपके रास्ते में चाहे कितनी चुनौतियां आएं, कभी हार नहीं माननी चाहिए। मेलिसा स्टॉकवेल बीजिंग, लंदन, रियो डि जेनेरियो और टोक्यो के बाद अपने चौथे पैरालिंपिक में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। वह 1 सितंबर को पेरिस में ट्रायथलॉन में भाग लेंगी।

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HISTORY

Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Aug 29, 2024 11:41 PM

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