Mata Durga Special Story: 3 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आपने देखा होगा कि माता शेर पर ही सवार दिखती हैं। चलिए जानते हैं इसके पीछे की कथा क्या है?
शिव जी का मजाक
पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार एक दिन माता पार्वती, भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर बैठी हुई थी। दोनों एक दूसरे से हंसी-मजाक कर रहे थे। मजाक में ही भगवान शिव ने माता पार्वती को काली कह दिया। शिवजी के काली कहने से माता पार्वती नाराज हो गई और कैलाश पर्वत छोड़कर वन में तपस्या करने चली गई। वन में जाकर माता एक वृक्ष के नीचे घोर तपस्या में लीन हो गई। कुछ दिनों के बाद एक भूखा शेर वहां आ पहुंचा और माता पार्वती को खाने के लिए आगे बढ़ा लेकिन माता पार्वती के शरीर से निकलने वाले तेज के कारण वह शेर माता के समीप पहुंच नहीं पाया। बहुत कोशिश करने के बाद भी जब माता पार्वती को वह शेर खा नहीं सका तो वहीं बैठकर वह भी तपस्या करने लगा।
वाहन बना शेर
कैलाश पर्वत छोड़ते समय माता ने प्रण लिया था कि जब तक वह गोरी नहीं हो जाएंगी तब तक तपस्या करती रहेगी। कुछ सालों बाद भगवान शिव उस वन में आये और माता पार्वती को गोरा होने का वरदान देकर चले गए। भगवान शिव के वरदान देने के बाद माता वहीं स्थित एक नदी में स्नान किया और वह गोरी हो गई। स्नान करने के बाद जब वह नदी से निकली तो देखा कि एक शेर अब भी तपस्या में लीन है। फिर उन्होंने शेर से तपस्या का कारण पूछा। तब शेर ने बताया कुछ साल पहले जब वह भूखा था तो उन्हें खाने के उद्देश्य से यहां आया था परन्तु उनके तेज के कारण उन्हें खा नहीं सका। शेर की बातें सुनकर माता पार्वती प्रसन्न हो गईं और उस शेर को अपना वाहन बना लिया। तभी से ऐसा माना जाता है कि माता दुर्गा जो देवी पार्वती की ही रूप है शेर की सवारी करती हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।